चंडीगढ़ पर पंजाब के बराबर हरियाणा की भी हिस्सेदारी, एकतरफा प्रस्ताव लाना बेईमानी: सीएम मनोहर लाल
चंडीगढ़ पर हिस्सेदारी को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकार आमने सामने हो गए हैं। चंडीगढ़ को पंजाब में स्थान्तरित करने की मांग पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान ने विधानसभा में प्रस्ताव रखा है। ऐसे प्रस्ताव पहले भी आ चुके हैं। चंडीगढ़ पर पंजाब का ही नहीं हरियाणा का भी उतना ही हक है जितना पंजाब का है। मनोहर लाल ने कहा कि 60 और 40 के अनुपात में चंडीगढ़ का बंटवारा हुआ था। हिमाचल भी 7.19 के अनुपात में अपना हिस्सा चंडीगढ़ में से मांगता है। चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों की राजधानी रहेगी। एक तरफा ऐसा रेजुलेशन लाना बेईमानी बात है। बता दें कि आज पंजाब विधनसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज चंडीगढ़ में केन्द्रीय सेवा कानून लागू करने के विरोध में प्रस्ताव पेश किया। भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन में "संतुलन को बिगाड़ने" की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब ट्रांसफर करने की मांग की है। पंजाब सीएम ने अपने जारी प्रस्ताव में कहा कि पंजाब, रीऑगेर्नाइजेशन एक्ट 1966 के दौरान नया बनाया गया था, इस एक्ट के दौरान हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्से को हिमाचल को दिया गया था। उसी वक्त चंडीगढ़ को यूटी के रूप में स्थापित किया गया, तब से लेकर अब तक BBMC जैसे संयुक्त एसेट को चलाए रखने के लिए पंजाब-हरियाणा से अनुपात के आधार पर कर्मचारियों को रखकर उनकी मैनेजमेंट चलाई जा रही थी। अकाली दल और कांग्रेस ने इसे समर्थन दे दिया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मान सरकार जो भी फैसला लेगी, हम पूरा साथ देंगे। दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि चंडीगढ़ में केंद्रीय कानून लागू करने के बारे में पंजाब को गुमराह किया जा रहा है। इस नियम से चंडीगढ़ पर पंजाब के हक कमजोर होने का कोई वास्ता नहीं है।