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चंडीगढ़: हरियाणा में पिछले कुल सालों से सरकारी नौकरियों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा होता आया है। इस मामले पर सरकार को खूब किरकिरी भी हुई थी। विपक्ष ने सरकार को सदन से लेकर सड़क तक इस मामले में घेरा था। अब इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने तैयारी शुरू कर दी है।
आने वाले समय में होने वाली भर्तियों में धांधली न हो सके इस के लिए हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन एक नई व्यवस्था करने जा रहा है। इस विषय पर पीटीसी न्यूज़ के साथ खास बातचीत में हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने बताया कि जल्द ही कमीशन ऑनलाइन भरने के दौरान ही अभ्यार्थी के फिंगरप्रिंट वह फेस रीडिंग की व्यवस्था करने जा रहा है, ताकि रिटन एग्जाम के शुरुआत में ही जांच की जा सके की पेपर देने वाला अभ्यर्थी ही आवेदक या नहीं। इसके लिए चयन आयोग कंपनियों के साथ बातचीत भी कर रहा है।
खदरी ने कहा कि सोशल इकनोमिक में जो अभ्यर्थी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन पर आएगा उसे पहले अपने डॉक्यूमेंट तहसीलदार, एसडीएम से वेरिफाई करवाने होंगे। इसके अलावा सोशल इकनोमिक के अब 10 की जगह पांच नंबर ही मिलेंगे।
वहीं, उन्होंने कहा कि पिछले साल हुई भर्तियों के 22 जनवरी से कमीशन रिजल्ट जारी करना शुरू कर देगा और मार्च के आखिरी हफ्ते या अप्रैल के शुरुआती हफ्ते तक 20,000 युवाओं को रोजगार दे देगा।
बता दें कि हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन और हरियाणा लोक सेवा आयोग की भर्तियां हाल ही में संदेह के घेरे में रही हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सचिव अनिल नागर पर भर्तियों में फर्जीवाड़े का आरोप लगा था। नागर के समय में हुई डेंटल सर्जन की भर्तियों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आरोप है कि लाखों रुपये लेकर लोगों को डेंटल सर्जन की नौकरी दी गई थी। इसके अलावा अन्य दूसरी भर्तियों में पैसे लेकर नियुक्तियां देने के आरोप लगे थे।
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से पंचकूला में करवाई गई हरियाणा पुलिस की भर्ती में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस दौरान ग्राउंड टेस्ट और लिखित परीक्षा में आवेदक की जगह पैसे लेकर कोई दूसरा व्यक्ति शामिल हुआ था। एसआईटी ने इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि 35 लोगों को नोटिस जारी किया है। अब भर्तियों में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए हरियाणा चयन आयोग ने अपनी कवायद शुरू कर दी है।-