अयोध्या/ज्ञानेंद्र शुक्ला: राम मंदिर निर्माण समिति के पहले दिन की बैठक शनिवार को संपन्न हुई। बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में मंदिर निर्माण की समय सीमा अब दिसंबर की बजाए अक्टूबर 2023 तय की गई है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पहले दिन की बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 2024 में मकर संक्रांति के बाद भगवान राम लला भव्य मंदिर में विराजमान होंगे। गर्भ गृह 14 फुट ऊंचाई तक अपना आकार ले चुका है। मंदिर में मकराना मार्बल का फर्श 35 एमएम मोटा होगा। मंदिर के फर्श पर कालीननुमा नक्काशी होगी। मकराना मार्बल में 15 इंच की गहराई तक की नक्काशी होगी। राम जन्मभूमि परिसर में 25, 000 श्रद्धालुओं के लिए निशुल्क यात्री सुविधा केंद्र बनेगा।
रामलला के मंदिर में 12 दरवाजे होंगे। महाराष्ट्र की टीक लकड़ी से रामलला मंदिर के दरवाजों का निर्माण होगा।भारत सरकार की संस्था फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट ने मंदिर के दरवाजों के लिए लकड़ी को चयनित किया है। कार्रदायी संस्था टाटा कंसल्टेंसी और एलएनटी के इंजीनियरों ने महाराष्ट्र में जाकर लकड़ी का सर्वे किया है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामलला के मंदिर का पहला मंजिल 19 फिट का है और फिर उसके ऊपर बीम रखे जाएंगे। गर्भ गृह में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का कार्य मकर संक्रांति के बाद ही होगा, जब सूर्य उत्तरायण होंगे। मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनने के साथ ही निर्माण क्षेत्र में एक उदाहरण बनेगा।
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