मोरबी हादसा: बिना टेंडर के कंपनी को मिला ठेका, नहीं बदली गई पुरानी वायर...और मौत के पुल पर चढ़ा दिए लोग
गुजरात के मोरबी शहर में 30 अक्टूबर की शाम पुल ढहने से 134 लोगों की मौत हो गई. इस पुल को लेकर कई लापरवाही की खबरें सामने आई है। एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि जब ओरेवा फर्म ने इस पुल का सात महीने तक नवीनीकरण किया था तब पुल के कुछ पुराने केबल तार बदले ही नहीं गए।
मीडिया हाउस एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में कुछ खुलासे किए हैं। ओरेवा कंपनी ने पुल का नवीनीकरण किया था। कंपनी को मार्च में मोरबी नगर निकाय ने कॉन्ट्रेक्ट दिया था। इसके लिए कोई टेंडर भी नहीं दिया गया था। रेनेवोशन के बाद पुल पर लगे तारों को नहीं बदला गया था। नवीनीकरण के बाद भी बने रहे।
एनडीटीवी के सूत्रों के मुताबिक गुजरात की फोरेंसिक प्रयोगशाला ने भी पाया है कि लोगों की भारी भीड़ के कारण पुल गिर गया। पुल जमा भीड़ ने पुल के ढांचे पर दवाब डाला था। फोरेंसिक टीम टीम ने पुल के सैंपल लिए थे।
पुल के ढहने से ठीक पहले की फुटेज में लोगों का एक झुंड पुल पर तस्वीरें लेता हुआ नजर आ रहा है, पुल को हिलाने की कोशिश कर रहे हैं। इसे मेटल के केबल सह नहीं पाए और टूट गए।
एनडीटीवी के मुताबिक नगर निकाय के प्रमुख संदीप सिंह जाला ने कहा कि कंपनी ने अधिकारियों को पुल को फिर से खोलने के बारे में सूचित नहीं किया और कंपनी को ऐसा करने के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया था।
कंपनी ने मेंटेनेंस के दौरान कंपनी ने कथित तौर पर तकनीकी पहलू को ध्यान में नहीं रखा। साथ ही काम को एक छोटी निर्माण कंपनी देवप्रकाश सॉल्यूशंस को आउटसोर्स पर दे दिया। पिछले हफ्ते पुल का उद्घाटन करते हुए ओरेवा के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने कहा था कि कंपनी ने 'दो करोड़ रुपये में 100 प्रतिशत मेंटेनेंस' किया है।
बहुत से लोग जो पुल के दोनों सिरों के पास खड़े थे, उनकी मौत सख्त जमीन पर गिरने से हुई थी। पुल के बीच में खड़े लोगों की मौत नदी में डूबने के कारण हुई थी।
हादसे के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें कंपनी के प्रबंधक, टिकट संग्राहक, पुल मरम्मत ठेकेदार और तीन सुरक्षा गार्ड शामिल हैं, जिनका काम भीड़ को नियंत्रित करना था।
- PTC NEWS