ठंड के मौसम में बढ़ रहे हार्ट अटैक के मामले, ऐसे ख्याल रखे बच्चे-बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं
उत्तर भारत में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। ठंड और धुंध के कारण लोगों को रोजमर्रा के कामों को निपटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि लोग घरों से बाहर निकलने को भी कतरा रहें हैं। ठंड से बचने के लिए लोग आग का सहारा ले रहे हैं।
ठंड के बीच बच्चों और बुजुर्गों के साथ गर्भवती महिलाओं को ज्यादा परेशानी होती है। ठंड के कारण लोगों में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। कानपुर में ठंड के कारण पिछले 2 दिनों में 16 और एक हफ्ते में 108 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। हार्ट अटैक से मौतों का ये आंकड़ा सिर्फ कानपुर एलपीएस हार्ट डिजीस सेंटर से लिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों, सीएचसी, सरकारी अस्पतालों के आंकड़े इसमें शामिल नहीं किए गए हैं।
ठंड के मौसम में हमारे खून की नसें सिकुड़ने लगती हैं। इससे बीपी (blood pressure) भी बढ़ जाता है। बीपी बढ़ते ही हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही सर्दी में लोगों के शरीर में खून के थक्के (खून जमना) बनने लगते हैं जिसकी वजह से हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है।
ठंड से बचने के लिए फुल बाजू और मल्टी लेयर के कपड़े पहने। जरूरी काम होने पर ही बुजुर्गों को घर से बाहर निकलना चाहिए। ज्यादा सर्दी के बीच सुबह सुबह सैर करने से खून के थक्के जम सकते हैं। इसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। अपने हाथ और पैरों को हमेशा गर्म रखें और सिर को ढकने के लिए ऊनी टोपी का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आपके शरीर में गर्माहाट बनी रहेगी।
सिविल अस्पताल जींद में कार्यरत डॉ. मंजू ने कहा कि इन दिनों सर्दी ज्यादा बढ़ रही है। इस मौसम में गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए। सर्दी के मौसम में गर्भवती महिलाओं में सर्दी, खांसी, जुकाम के मामले बढ़े हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाएं अपने शरीर को पूरी तरह से ढक कर बाहर निकलें।
वहीं, ठंड में शरीर के अंदर ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है। इसकी रक्त वाहिकाओं में सूजन आ सकती है। इससे बचने के लिए अपने पैरों को अच्छी तरह से ढक कर रखें। पैरों को गुनगुने पानी में भिगोकर कुछ देर बैठने से पैरों के दर्द से आराम मिलेगा।
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