हांसी/संदीप सैनी: पुलिस अब गैंगस्टर और अन्य वारदातों के आरोपियों पर पैनी नजर रख सकेगी। यहीं नहीं पुलिस के सभी अधिकारी और कर्मचारी भी इन आरोपियों के पल-पल की खबर से अपडेट रह सकेंगे। यह मुमकिन कर दिखाया है हांसी जिला पुलिस के कर्मचारियों ने। हांसी पुलिस की एसपी नितिका गहलोत की देखरेख में कर्मचारियों द्वारा एक ऐसी फोन एप्लीकेशन बनाई जिसमें क्षेत्र के आरोपियों की सभी जानकारियां अपडेट की गई हैं। इस एप्लीकेशन को क्रिमिनल मॉनिटरिंग सिस्टम का नाम दिया गया है। इस एप्लीकेशन में आरोपियों की प्रॉपर्टी से लेकर माता-पिता और उनके द्वारा किए गए अपराधों के बारे विस्तार से बताया गया है। साथ ही यदि कोई अपराधी जेल से पैरोल पर आता है तो उस बारे भी तुरंत ही पुलिस को नोटिफिकेशन भी प्राप्त हो जाएगा, जिसके बाद पुलिस के कर्मचारी उस अपराधी की पल-पल की अपडेट एप्लीकेशन पर प्राप्त कर सकेंगे।क्रिमिनल मानिटरिंग सिस्टम एप्लीकेशन को हांसी एसपी नितिका गहलोत ने अपने कार्यालय में लॉन्च किया। नितिका गहलोत ने बताया कि इस एप्लीकेशन को सभी पुलिस कर्मचारियों के फोन में इंस्टॉल करवाया जाएगा, ताकि सभी पुलिस कर्मचारी क्षेत्र के सभी अपराधियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रख सके। इस प्रकार की एप्लीकेशन की शुरूआत करने वाला हांसी जिला पुलिस पहला जिला है। एप्लीकेशन की शुरूआत धीरे-धीरे पूरे राज्य में की जाएगी। इस एप्लीकेशन में सभी अपराधियों के लिए अलग-अलग कैटेगरी बनाई है। एसपी से बताया अपराधी अकसर जेल से बाहर आकर दोबारा उसी प्रकार की आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं। वो समाज में दबाव बनाने का काम करते हैं और दहशत का माहौल पैदा करते हैं। इस एप्लीकेशन की सहायता से आपराधिक वारदातों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।हांसी पुलिस ने क्रिमिनल मानिटरिंग सिस्टम एप में तीन अलग-अलग कैटेगरी बनाई है। इसमें रेड, येलो और ग्रीन तीन प्रकार की कैटेगरी बनाई गई है। रेड कैटेगरी में हार्ड क्राइम, हिस्ट्रीशीटर, नए गैंग बनाने वाले अपराधियों को रखा गया है। येलो कैटेगरी में लूट-डकैती और एनडीपीएस के अपराधियों को रखा गया है। ग्रीन कैटेगरी में जुआ,एक्साइज और शराब तस्करी के अपराधियों को रखा गया है। पुलिस की ओर से अभी इस एप्लीकेशन में 55 अपराधियों का डाटा अपडेट किया गया है। डीएसपी, इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी इस पर लगातार नजर रखेंगे और अपराधियों के पल-पल की जानकारी अपडेट की जाएगी।इस एप्लीकेशन को तैयार करने में खास बात यह है कि यह एप्लीकेशन किसी सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बाहर से तैयार नहीं करवाई गई है। इस एप्लीकेशन को हांसी पुलिस के कर्मचारियों ने ही तैयार किया है। इस एप्लीकेशन के बाद अब पुलिस केवल रिकॉर्ड रूम में रखे रिकॉर्ड पर निर्भर नहीं होगी, बल्कि हर पुलिस कर्मचारी की जेब में सभी अपराधियों का अपडेट डाटा होगा। डिजिटल युग में पुलिस की ओर तैयार की गई यह एप्लीकेशन कारगर साबित होगी।