दादूपुर नलवी नहर को लेकर किसानों के हक में हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला, जगी फिर से पानी आने की उम्मीद
यमुनानगर: वर्ष 2004 में यमुनानगर के दादूपुर से शाहाबाद के नवी तक 231 गांव की जमीन खोज कर बनाई गई दादूपुर नलवी नहर के मुआवजे को लेकर आखिरकार लंबे समय के बाद किसानों के हक में हाई कोर्ट ने फैसला सुना ही दिया और अब किसानों को उम्मीद है कि इस नहर में फिर से पानी आएगा और उनके द्वारा अधिग्रहण की गई जमीन का भी उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा ।
दादूपुर से शाहाबाद के नलवी तक 231 गांव के बीच में खोदी गई दादूपुर नलवी नहर की जमीन अधिग्रहण करने के बाद ही उसके मुआवजे को लेकर किसान और सरकार कोर्ट में पहुंच गए थे। हालांकि 2008 में इस नहर को खोद कर उसमें पानी भी छोड़ दिया गया था। कई साल तक इस नहर में सिंचाई के लिए पानी भी छोड़ा गया और वाटर लेवल ऊपर लाने के लिए इस नहर का पूरा फायदा उठाया गया था लेकिन बाद में किन्हीं कारणो के चलते इस नहर को बंद करने का निर्णय लिया गया और वर्ष 2018 में सरकार ने नहर को डी नोटिफाई कर इस नहर को बंद करने की आदेश दे दिए। हालांकि यह पहली बार ऐसा हुआ कि किसानों को मुआवजा मिलने के बाद सरकार ने दिए हुए उस मुआवजे को वापस लेने की बात कही और नहर की जमीन भी किसानों को वापस देने के लिए कह दिया जिस पर फिर से किसानों ने कोर्ट की तरफ रुख कर लिया था।
लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार किसानों के हक में फैसला कोर्ट ने सुना ही दिया। 20 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने किसानों के हक में फैसला सुनाते हुए किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा देने की बात कही और यह भी कहा कि सरकार को कोई भी पैसा वापस नहीं कोई किसान देगा। हालांकि नहर को बंद करने के लिए सरकार ने 101 के तहत एक कानून बनाया था और इस कानून को भी कोर्ट ने रद्द कर दिया जिसको लेकर किसानों के चेहरे खिल गए। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस मामले में उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी है और अब जाकर उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिल रहा है । हालांकि अब किसानों का फिर से यही कहना है कि यह दादूपुर नलवी नहर किसानों के खेतों के लिए काफी लाभदायक है और फिर से इस नहर को शुरू कर इस इलाके का वाटर लेवल ऊपर किया जाए । कोर्ट के फैसले के बाद किसानों को इस बात की भी काफी खुशी है कि उनकी जमीन का मुआवजा अब उन्हें करोड़ों रुपए में मिलने वाला है।
- With inputs from our correspondent