Himachal Assembly election 2022: कल होगा 68 सीटों पर मतदान, ये मुद्दे बीजेपी-कांग्रेस को पहुंचा सकते हैं नुकसान
Himachal Assembly election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कल मतदान होगा। 68 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होगा। वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होगी। हिमाचल प्रदेश में एक चरण में मतदान होगा जिसके नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे।
चुनाव प्रचार का शोर गुरुवार को थम चुका है। इस बार भी बीजेपी-कांग्रेस में असली टक्कर देखने को मिल रही है। आम आदमी पार्टी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की थी, लेकिन अंतिम समय में आम आदमी पार्टी पिछड़ती दिख रही है।
हिमाचल में सरकार विरोधी लहर के चलते हर साल सरकार बदलती है। 1985 के बाद अब तक कोई भी सरकार सत्ता में वापसी नहीं कर पाई है। इस बार बीजेपी ने रिवाज बदलने का नारा दिया है, यानि सरकार को रिपीट करवाने की बात कही है।
कांग्रेस ने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है। कांग्रसे ने सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में ओपीएस बहाली का वादा किया है। वहीं, कांग्रेस ने बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को भुनाने की कोशिश की है। इसके साथ ही कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर वापसी की उम्मीद कर रही है।
कांग्रेस के कई बड़े खिलाड़ी इस बार चुनाव में नजर नहीं आए। छह दशक तक कांग्रेस के स्तंभ रहे और छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह का निधन बीते साल हो गया था। ऐसे कांग्रेस को उनकी कमी इस बार खली। वीरभद्र सिंह की विरासत उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और बेटे विक्रमादित्य संभाल रहे हैं। 2017 में पहली बार विधायक बने विक्रमादित्य सिंह को इस बार कांग्रेस ने शिमला ग्रामीण सीट से उतारा है। प्रतिभा सिंह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और मंडी लोकसभा सीट से सांसद भी हैं। कांग्रेस की भीतरी लड़ाई उसे नुकसान पहुंचा सकती है। कांग्रेस हिमाचल में भी कई धड़ों में बंटी है।
वहीं, बीजेपी ने भी पीएम मोदी और जेपी नड्डा के चेहरे को भुनाने की कोशिश कर रही है। हिमाचल में इस बार भी पीएम मोदी का चेहरा ही बीजेपी प्रोजेक्ट कर रही है। चुनाव प्रचार के दौरान पीएम ने कई रैलियां की थी। चुनाव की घोषणा से पहले ही पीएम के हिमाचल दौरे शुरू हो चुके थे, ताकि हिमाचल में वोटर्स को लुभाया जाए।
बीजेपी ने केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी घर-घर तक पहुंचाने की कोशिश कर लोगों को लुभाने की कोशिश की है। बीजेपी ने 40 स्टार प्रचारकों की फौज मैदान में उतारी थी। इन स्टार प्रचारकों की फौज में अमित शाह, राजनाथ सिंह, योगी अदित्यानाथ, स्मृति इरानी, अनुराग ठाकुर, नितिन गडकरी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम शामिल था।
ओपीएस का मुद्दा बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकता है। बीजेपी सरकार में ओपीएस कर्मचारी एनपीएस की मांग कर रहे थे। मांगों पर विचार ना होने पर ये वर्ग सरकार से खासा नाराज है। ऐसे में अनुमान है कि बीजेपी को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही मंहगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर भी प्रदेश का एक बड़ा वर्ग नाराज है।
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