तवांग में तनाव के बीच भारतीय वायुसेना दिखाएगी अपनी ताकत, LAC पर गरजेंगे गरजेंगे सुखोई-राफेल
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को झड़प हुई थी। इस झड़प के बाद एलएसी पर तनाव जारी है। संसद में भी विपक्ष सरकार पर हमलावर रहा था और सदन में जोरदार हंगामा किया था। तवांग में हुई हिंसक झड़प पर लोकसभा में बयान देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने चीन का बहादुरी से जवाब दिया।
इन सबके बीच भारतीय वायुसेना (indian airforce) गुरुवार से पूर्वोत्तर में चीन सीमा के पास 15 और 16 दिसंबर को युद्धाभ्यास करेगी। इस युद्धाभ्यास में राफेल, सुखोई समेत अग्रिम पंक्ति के सभी फाइटर जेट अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस युद्धाभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की वॉर कैपेसिटी और पूर्वोत्तर में सैन्य तैयारियों को परखना है।
इससे संबंधित वायुसेना ने नोटम यानी नोटिस टू एयरमैन भी जारी कर दिया है। इंडियन एयरफोर्स और मेघालय के शिलॉन्ग में स्थित ईस्टर्न कमांड ने इस एक्सरसाइज को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी शेयर नहीं की है, लेकिन माना जा रहा है कि ईस्टर्न कमान के सभी एयरबेस इस एक्सरसाइज में हिस्सा ले सकते हैं।
असम के तेजपुर, झाबुआ और जोरहाट एयर बेस हिस्सा ले सकते हैं। अभ्यास में बंगाल के हासिमारा और कलाईकुंडा और अरुणाचल प्रदेश की एडवांस लैंडिंग स्ट्रीप पर हिस्सा ले सकते हैं। पूर्वोत्तर से लगते चीन, बांग्लादेश और म्यांमार की सीमाओं की निगरानी ईस्टर्न कमांड ही करती है. तेजपुर और झाबुआ में जहां सुखोई-30 और हाशिमारा में राफेल की स्क्वॉड्रन तैनात है।
- PTC NEWS