चंडीगढ़: गुरुग्राम की उपभोक्ता अदालत ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए विदेशी कुत्तों की 11 नस्लों पर पाबन्दी लगाने, एक परिवार को एक से अधिक कुत्ता पालने पर पाबन्दी और एक महीने में सभी पालतू कुत्तों का लाइसेंस लेने सहित कई अन्य जो आदेश जारी किए थे, उन सभी आदेशों पर हाईकोर्ट ने अगले आदेशों तक रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार सहित गुरुग्राम नगर निगम को 15 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस विनोद भारद्वाज ने यह आदेश गुरुग्राम की उपभोक्ता अदालत द्वारा 15 नवंबर को जारी आदेशों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं, हालांकि हाईकोर्ट ने उपभोक्ता अदालत के इस आदेश पर तो रोक लगा दी है, लेकिन साथ ही गुरुग्राम नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह मामले की अगली सुनवाई पर यह जानकारी दे कि गुरुग्राम में पिछले पांच वर्षों में डॉग बाईट के कितने केस आए हैं।
नगर निगम ने पिछले तीन वर्षों में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगाम लगाने के लिए क्या कार्रवाई की है, पिछले तीन वर्षों में कितनी वेक्सिनेशन की गई है, कितने डॉग पौंड हैं और उनकी क्या स्थिति है। वहीं निगम को यह आदेश भी दिए हैं कि वह निवासियों को नोटिस जारी कर पालतू जानवरों को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें और निवासियों को निर्देश दिए जाएं की कुत्तों को घूमने ले जाते समय उनके शौच को एक डिस्पोजेबल बैग में डालें जो वो साथ लेकर जायेंगे सभी निवासियों को हिदायत दी जाए कि वह अपने कुत्तों को रजिस्टर करवाएं।
इस मामले को लेकर शिवानी दशमहापात्र ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उपभोक्ता अदालत के 15 नवंबर को जारी आदेशों को चुनौती देते हुए कहा है कि उसके पास एक पालतू कुत्ता है, अब वह एक और कुत्ते को पालना चाहती है, लेकिन इस आदेश के चलते वह ऐसा नहीं कर सकती और वैसे भी उपभोक्ता अदालत ने अपने क्षेत्राधिकार के बाहर जाकर यह आदेश दिए हैं। ऐसे में इन आदेशों को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए उपभोक्ता अदालत के इस आदेश पर अगले आदेशों तक रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार सहित गुरुग्राम नगर निगम को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
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