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बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों पर रोक ने सरकार के रवैन्यू को काफी नुकसान पहुंचा दिया है। अगर अकेले बहादुरगढ़ की बात करें तो हर रोज रजिस्ट्रियों की एवज में सरकार को एक से डेढ़ करोड़ का रवैन्यू मिलता था। झज्जर जिले में पांच तहसील है। इन पांचों का मिला लें तो करीबन 3 करोड़ का नुकसान सरकार को हर रोज हो रहा है और एक महीने में डेढ़ सौ करोड़ का नुकसान। प्रदेशभर में 93 तहसील है। अब आप खुद ही अंदाजा लाग लीजिए रजिस्ट्रियों पर रोक और नए सोफ्टवेयर की अड़चनों ने सरकार को कितना नुकसान पहुंचाया है।
एडवोकेट बॉबी छिल्लर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौरान में शराब घोटाला और रजिस्ट्री घोटाला सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं। जिसके कारण प्रदेशभर में रजिस्ट्रियों को महीने भर से बंद रखा गया है। कुछ जगहों पर रजिस्ट्रियां शुरू भी हुई हैं लेकिन इक्का दुक्का ही हो रही हैं। नया सॉफ्टवेयर भी अड़चन बना हुआ है। बात इतनी सी नहीं है। बात अब बड़ी हो रही है। क्योंकि सरकार को रवैन्यू का भारी लॉस हो रहा है। ये नुकसान कुछ सौ करोड़ में नहीं हजार करोड़ से भी ज्यादा का है।
दरअसल सरकार ने रजिस्ट्रियों में रिश्वतखोरी खत्म करने के लिए और अवैध कॉलोनियों को रोकने के चक्कर में पूरा सिस्टम ही रोक दिया है। नया सॉफ्टवेयर लगाया गया। इस साफ्टवेयर में बहादुरगढ़ तहसील के 49 गावों को कंट्रोल एरिया में दिखा दिया है। जिसके कारण बहादुरगढ़ तहसील के एक भी गांव की रजिस्ट्रिी नहीं हो रही है। कोई टोकन भी नहीं कट रहा है। हालांकि 17 अगस्त से गांवों की रजिस्ट्री सरकार शुरू करवा चुकी है। सरकार के लेवल पर अब केवल शहरों की रजिस्ट्रियां खुलना बाकि है। तहसील के सभी गांवों को कंट्रोल एरिया में दिखाने का काम जिला नगर योजनाकार के कारण हुआ है। तहसीलदार कनब लाकड़ा ने बताया कि जब तक कंट्रोल एरिया से गांवों को नहीं हटाया जाता तब तक रजिस्ट्रियां नहीं हो पाएंगी।
अगर सरकार रजिस्ट्रियों पर अंकुश लगाकर सिर्फ अवैध कॉलोनियों को रोकना चाहती है तो इतने भर से होने वाला नही हैं। क्योंकि अवैध कॉलोनियों में सस्ते प्लाट मिलते हैं और वैध कॉलोनियों में दो से तीन गुना महंगे और फिर राजनीति और वोट के चक्कर में अवैध भी वैध होते ही रहते हैं।
इसलिए अब जरूरत इस बात की है कि अवैध को वैध तरीके से सरकार कराने के विकल्प खोजे जिन्हें आम लोग आसानी से अपना सकें और इस तरह महज रजिस्ट्रियों पर रोक से रवैन्यू को नुकसान पहुंचाना भी ठीक नहीं क्योंकि अगर सरकार के पास रवैन्यू नहीं होगा तो तमाम विकास योजनाओं पर फर्क पड़ने लग जाएगा।
---PTC NEWS----