पाकिस्तान के 20 यूट्यूब चैनल और 2 वेबसाइट ब्लॉक, भारत में फैला रहे थे झूठ और नफरत
नेशनल डेस्क: भारत के खिलाफ पाकिस्तानी दुष्प्रचार अभियान को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। देश के खिलाफ प्रोपेगेंडा कर रहे 20 यूट्यूब चैनलों को सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ब्लॉक कर दिया है। दो वेबसाइटों के खिलाफ भी भारत विरोधी प्रचार को लेकर कार्रवाई की गई है।
केंद्र सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक खुफिया एजेंसियों और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोमवार को आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार यू-ट्यूब पर 20 चैनल और 2 वेबसाइट्स फेक न्यूज के जरिए भारत के खिलाफ झूठ फैलाते थे। दो अलग-अलग आदेश में इन्हें ब्लॉक करने का कदम उठाया गया।
[caption id="attachment_560479" align="alignnone" width="300"] इस वीडियो में दावा किया गया था कि तुर्की के राष्ट्रपति ने कश्मीर में लड़ने के लिए 35 हजार सैनिक भेजे हैं[/caption]
ब्लॉक किए गए चैनलों का इस्तेमाल कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदायों जैसे विषयों पर पूर्व नियोजित तरीके से विभाजनकारी सामग्री पोस्ट करने के लिए किया गया था। सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर, जनरल बिपिन रावत जैसे मुद्दों पर भी झूठी खबरें फैलाई जाती थी। सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारत विरोधी दुष्प्रचार अभियान के तौर-तरीकों में पाकिस्तान से संचालित नया पाकिस्तान ग्रुप (NPG) शामिल है, जिसके पास YouTube चैनलों का एक नेटवर्क और कुछ अन्य स्टैंडअलोन YouTube चैनल हैं। यह पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा था।
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इस वीडियो में दावा किया गया था कि भारत ने हार मान ली है और कश्मीर में धारा 370 लागू होने वाली है[/caption]
इस यू-ट्यूब चैनल के कई नेटवर्क हैं और इसके अलावा भी कई चैनल इसमें शामिल हैं। इन चैनल्स के कुल मिलाकर सबस्क्राइबर 35 लाख से ऊपर हैं और इनके वीडियो 55 करोड़ से ज्यादा बार देखे जा चुके थे। नया पाकिस्तान ग्रुप की फेक न्यूज में कई बार पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स के एंकर भी दिखाई दिए हैं।
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इस वीडियो में दावा किया गया था कि कश्मीर में आतंकियों ने भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था और बाद में उन्होंने कलमा पढ़ा[/caption]
ये यू-ट्यूब चैनल किसान आंदोलन, नागरिकता अधिनियम जैसे मुद्दों में भी आग में घी डालने का काम कर रहे थे। ये चैनल्स देश के अल्पसंख्यकों को भारत सरकार के खिलाफ भड़का रहे थे। यह भी आशंका थी कि ये चैनल्स पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा बनना चाहते थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारत के सूचना क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए इमरजेंसी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए IT रूल्स 2021 के 16 नंबर नियम का इस्तेमाल किया। मंत्रालय ने पाया कि अधिकतर सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील है और तथ्यात्मक रूप से गलत है। भारत विरोधी यह सामग्री पाकिस्तान की ओर से पोस्ट की जा रही थी।