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ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?

Written by  Arvind Kumar -- January 16th 2021 11:52 AM
ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?

ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा भारतीय सेना ने मिलकर भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल विकसित की है। इस पिस्तौल का डिजाइन और विकास भारतीय सेना के महू स्थित इन्फैंट्री स्कूल और डीआरडीओ के अंतर्गत कार्यरत आयुध अनुसंधान एवं विकास स्थापना (Armament Research & Development Establishment), पुणे द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। [caption id="attachment_466602" align="aligncenter" width="700"]Asmi Pistol India ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?[/caption] यह मशीन पिस्तौल इन-सर्विस 9-एमएम गोली दाग सकती है। पिस्तौल का ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एलुमिनियम से बनाया गया है। जबकि, इसका निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है। इस मशीन पिस्तौल के ट्रिगर घटक सहित के विभिन्न भागों की डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिटिंग प्रक्रिया का उपयोग किया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा इस संबंध में जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह हथियार चार महीने के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। [caption id="attachment_466603" align="aligncenter" width="700"]Asmi Pistol India ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?[/caption] इस पिस्तौल का नाम ‘अस्मी’ रखा गया है, जिसका अर्थ गर्व, आत्मसम्मान तथा कठिन परिश्रम है। सशस्त्र बलों में हैवी वेपन डिटेंचमेंट, कमांडरों, टैंक तथा विमानकर्मियों ड्राइवर/डिस्पैच राइडरों, रेडियो/राडार ऑपरेटरों, नजदीकी लड़ाई, चरमपंथ विरोधी तथा आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में व्यक्तिगत हथियार के रूप में इसकी क्षमता काफी अधिक बतायी जा रही है। यह भी पढ़ें- घर में दबे खजाने को निकालने के नाम पर तांत्रिकों ने की 24 लाख की ठगी यह भी पढ़ें- छात्रा पर अश्लील फब्तियां कसने वाले मनचले को पुलिस ने कुछ ऐसे सिखाया सबक [caption id="attachment_466605" align="aligncenter" width="700"]Asmi Pistol India ये है भारत की पहली स्वदेशी 9-एमएम मशीन पिस्तौल, जानिए क्यों है खास?[/caption] इस पिस्तौल का उपयोग केंद्रीय तथा राज्य पुलिस संगठनों के साथ-साथ वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी तथा पुलिसिंग में किया जा सकता है। प्रत्येक मशीन पिस्तौल की उत्पादन लागत 50 हजार रुपये के अंदर है और इसके निर्यात की संभावनाएं भी व्यक्त की जा रही हैं। (इंडिया साइंस वायर)


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