झाड़ियों के बीच से आने लगी रोने की आवाज, नजदीक जाकर देखा तो...
पलवल। (गुरदत्त गर्ग) जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। कुछ इसी तरह की कहावत पलवल में चरितार्थ होती नजर आई। जब पैदा करने वाले दंपति ने बस स्टैंड परिसर के पीछे झाड़ियों में मात्र कुछ ही घंटे पहले पैदा हुए शिशु को मरने के लिए फेंक दिया। [caption id="attachment_266007" align="aligncenter" width="700"] बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को नागरिक अस्पताल पलवल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया।[/caption] कपड़े में लिपटे शिशु के रोने की आवाज सुन किसी राहगीर की सूचना पर बस स्टैंड चौकी पुलिस ने शिशु को बरामद कर जिला बालकल्याण समिति को सौंप दिया। बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चे को नागरिक अस्पताल पलवल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने नवजात को सात दिन तक इलाज देने के बाद स्वस्थ घोषित कर समिति को सौंप दिया। [caption id="attachment_266008" align="aligncenter" width="700"] जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य अल्पना मित्तल ने परिजनों से की मार्मिक अपील[/caption] इस मामले में अचरज की बात तो यह रही कि 23 फरवरी को मिले इस बच्चे का जन्म 22 फरवरी को नागरिक अस्पताल पलवल में होने की पुष्टि बच्चे के शरीर पर लगे टैग के आधार पर की गई। जिला बाल कल्याण समिति की सदस्य अल्पना मित्तल ने मार्मिक अपील करते हुए कहा कि इस बच्चे को अभिभावक अगर किसी भी कारणवश नहीं रख पा रहे। तो वह उनसे मिलकर कागजी खानापूर्ति कर बच्चे का त्याग कर सकते हैं। अन्यथा जांच के बाद उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यह भी पढ़ें: मौत का LIVE वीडियो, हादसा इतना खतरनाक कि देखकर आपकी कांप जाएगी रूह