कांग्रेस सरकार में बनी थी घर में शराब रखने की नीति, जेजेपी नेता बोले, 'हवा-हवाई बातें कर रहे विपक्षी'
चंडीगढ़। घर में शराब रखकर निजी समारोह में मेहमानों का शराब परोसने और इसके लिए फीस वसूलने की नीति भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बनाई थी। पिछली सरकारों से यह नीति चली आ रही है और भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार ने ना तो इस प्रकार की कोई नई नीति नहीं बनाई है और न ही वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में शराब की एक भी अतिरिक्त बोतल की सीमा बढ़ाई, बल्कि अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए नई आबकारी नीति में सख्त कदम उठाए हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री काल में बनी इस नीति के तहत लाइसेंस फीस 500 रुपये की फीस में बढ़ोतरी करके एक हजार रुपये किया है। यह बात जेजेपी नेताओं ने कही। [caption id="attachment_391722" align="aligncenter" width="700"] चंडीगढ़। घर में शराब रखकर निजी समारोह में मेहमानों का शराब परोसने और इसके लिए फीस वसूलने की नीति भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बनाई थी।[/caption] जेजेपी नेताओं ने कहा कि हरियाणा के कुछ विपक्षी नेता उछल-उछलकर राज्य सरकार की नई आबकारी नीति में कमियां बता रहे हैं। इस काम में कुछ नासमझी में लगे हैं तो कुछ जानते बूझते हुए झूठ का सहारा ले रहे हैं। सत्ता से दूर होने की ये झटपटाहट उन्हें कुतर्क और हवाहवाई बातें करने पर मजबूर कर रही है। जेजेपी नेताओं ने कहा कि ये सब झूठे चटकारे लेकर विपक्ष के बड़े-बड़े और जिम्मेदार नेता अपने समर्थकों को खुश करने के लिए फैला रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि पूर्व में मुख्यमंत्री, मंत्री और सांसद रह चुके ये बुद्धिजीवी नेता अपने दिल में जानते हैं कि वे झूठ फैला रहे हैं और यह सब उनकी सरकारों के वक्त में होता रहा है। लेकिन सस्ती लोकप्रियता और 'दुष्यंत विरोध' के नशे में धुत्त ये सभी हरियाणा के लोगों को बेवकूफ बनाने में ज्यादा यकीन रखते हैं और जमीन पर उतरकर विपक्ष का असली काम करने में कम। [caption id="attachment_391723" align="aligncenter" width="700"] चंडीगढ़। घर में शराब रखकर निजी समारोह में मेहमानों का शराब परोसने और इसके लिए फीस वसूलने की नीति भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने बनाई थी।[/caption] वहीं जेजेपी नेताओं ने दावा किया कि गठबंधन सरकार अवैध शराब का उत्पादन, बिक्री और तस्करी रोकने के लिए कटिबद्ध है। इसी दिशा में सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए शराब की फैक्टरी में बनने वाली शराब की एक-एक बूंद की ठेके तक निगरानी के लिए ट्रैकिंग एंड ट्रैस तथा फ्लोमीटर सिस्टम लागू करने जा रही है। अवैध शराब का उत्पादन पाए जाने पर पहली बार में एक लाख रूपये, दूसरी बार में अढ़ाई लाख और तीसरी बार में पांच लाख रूपये जुर्माना करने का प्रावधान किया है। चौथी बार अवैध शराब का उत्पादन पाए जाने पर डिस्टलरी का लाईसेंस रद्द करने का प्रावधान किया है। यह भी पढ़ें: नैना चौटाला ने सदन में उठाए महिलाओं के मुद्दे, महिला सरपंचों से संबंधित मसला भी उठाया ---PTC NEWS---