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नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आज अपना पहला बजट भाषण पढ़ा और संसद में 2019-20 का बजट पेश किया। बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :
दशक के लिए दस बिन्दु की परिकल्पना
- जन भागीदारी से टीम इंडिया का निर्माण : न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन।
- हरी-भरी पृथ्वी और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्त भारत बनाना।
- डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुंचाना।
- गगनयान, चन्द्रयान, अन्य अंतरिक्ष और उपग्रह कार्यक्रमों की शुरूआत।
- वास्तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण।
- नीली अर्थव्यवस्था।
- खाद्यान्नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्मनिर्भरता और निर्यात।
- आयुष्मान भारत, पोषणयुक्त मां और बच्चा के जरिए स्वस्थ समाज की स्थापना, नागरिकों की सुरक्षा।
- एमएसएमई, मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्टार्ट-अप्स, रक्षा निर्माण, मोटर वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्रों और बैटरियों तथा चिकित्सा उपकरणों पर जोर।
- वित्त मंत्री ने कहा कि लोगों के दिलों में आशा, विश्वास और आकांक्षा है।
- वर्तमान वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।
- सरकार भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहती है।
- उद्योग जगत भारत का रोजगार सृजक और देश का संपदा सृजनकर्ता है।
- बुनियादी ढांचा
- डिजिटल अर्थव्यवस्था
- छोटी और मझोली कंपनियों में नौकरियों का सृजन
- निवेश का उत्कृष्ट दौर शुरू करने के लिए अनेक पहलें प्रस्तावित।
- ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के लिए मुद्रा ऋणों के जरिए जन सामान्य के जीवन में बदलाव।
- प्रधानमंत्री कर्मयोगी मान धन योजना
- सालाना 1.5 करोड़ रुपए से कम का कारोबार करने वाले करीब 3 करोड़ खुदरा व्यापारियों और छोटे दुकानदारों को पेंशन लाभ।
- नामजदगी की प्रक्रिया सरल, केवल आधार, बैंक खाता और स्व-घोषणा की आवश्यकता।
- एमएसएमई की ब्याज सब्सिडी योजना के अंतर्गत सभी जीएसटी पंजीकृत एमएसएमई के लिए 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (ताजा और वृद्धिशील ऋण) के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 350 करोड़ रुपए आवंटित।
- एमएसएमई के लिए भुगतान प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, ताकि बिलों का भुगतान हो सके, ताकि सरकारी भुगतानों में देरी को खत्म किया जा सके।
- मार्च 2019 में शुरू नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएसी) मानकों पर आधारित परिवहन के लिए भारत की पहली देश में विकसित प्रणाली।
- रूपे कार्ड पर चलने वाला इंटर ओपरेबल परिवहन कार्ड और यह धारक को बस में यात्रा करने, टोल टैक्स देने, पार्किंग शुल्क देने, रिटेल शॉपिंग की इजाजत देता है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
- औद्योगिक गलियारे, समर्पित माल-भाड़ा गलियारा।
- भारतमाला और सागरमाला परियोजनाएं, जलमार्ग विकास और उड़ान योजनाएं।
- भारतमाला परियोजना के दूसरे चरण में राज्य सड़क नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
- जलमार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत गंगा नदी की नौवहन क्षमता बढ़ाने के लिए साहिबगंज और हल्दिया में दो टर्मिनल तथा फरक्का में एक नेवीगेशनल लॉक का कार्य 2019-20 में पूरा हो जाएगा।
- गंगा नदी पर कार्गो की आवाजाही अगले चार वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ जाने का अनुमान है, जिससे माल और यात्रियों की आवाजाही सस्ती होगी और आयात बिल में कमी आएगी।
- वर्ष 2018-2030 के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता होगी।
- पटरियों के तेजी से विकास और उन्हें बिछाने, रोलिंग स्टॉक विनिर्माण तथा यात्री माल-भाड़ा सेवा की सुपुर्दगी के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव।
- देश भर में मेट्रो रेल नेटवर्क की 657 किलोमीटर लाइन चालू।
- विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए रख-रखाव, मरम्मत और ओवरहॉल के विकास के लिए नीतिगत हस्तक्षेप।
- अपनी जमीन से विमानों के वित्त पोषण और उन्हें पट्टे पर देने का केन्द्र बनाने के लिए भारत को विनियामक रोडमैप के अनिवार्य तत्व क्रियान्वित करन।
- एफएएमई योजना के दूसरे चरण के लिए मंजूर 3 वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपए का व्यय।
- इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से खरीद और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के लिए बढ़े हुए प्रोत्साहन का प्रस्ताव।
- एफएएमई योजना के अंतर्गत केवल अत्याधुनिक बैट्री चालित और पंजीकृत ई-वाहनों को ही प्रोत्साहन।
- राष्ट्रीय राजमार्ग कार्यक्रम की पुनर्संरचना की जाएगी, ताकि एक राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड सुनिश्चित की जा सके।
- एक राष्ट्र एक ग्रिड के अंतर्गत किफायती दरों पर राज्यों को बिजली।
- गैस ग्रिड, जल ग्रिड, अंतर्देशीय जलमार्गों और क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए ब्लू प्रिंट उपलब्ध कराया जाए।
- अधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए।
- पुराने और कार्य नहीं कर रहे संयंत्रों को बंद किया जाए।
- प्राकृतिक गैस की कमी के कारण गैस संयंत्र की क्षमता के कम इस्तेमाल की समस्या दूर करना।
- उज्ज्वल वितरण कंपनियां आश्वासन योजना के अंतर्गत औद्योगिक और ऊर्जा का अधिक उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के लिए क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज, खुली पहुंच वाली बिक्री पर अनावश्यक शुल्क हटाया जाएगा।
- बिजली क्षेत्र शुल्क और ढांचागत सुधारों की जलद घोषणा की जाएगी।
- किराये के मकानों की बेहतरी के लिए सुधारात्मक उपाय किये जाएंगे।
- मॉडल किराया कानून को अंतिम रूप दिया जाएगा और राज्यों को भेजा जाएगा।
- संयुक्त विकास और रियायत तंत्र का इस्तेमाल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए किया जाएगा और केन्द्र सरकार तथा सीपीएसई द्वारा रखी गई भूमि पर सस्ते मकान बनाए जाएंगे।
- वर्ष 2019-20 में क्रेडिट गांरटी वर्धन निगम की स्थापना की जाएगी।
- अवसरंचना क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए बाजार को गहन करने सहित दीर्घकालिक बॉन्डों के लिए कार्य योजना बनाई जाएगी।
- एफआईआई /एफपीआई द्वारा किए गए निवेश (आईडीएफ-एनबीएफसी द्वारा निर्गमित ऋण प्रतिभूतियों में) को विनिर्दिष्ट लॉकिंग अवधि के भीतर किसी घरेलू निवेश का प्रस्तावित अंतरण/ बिक्री
- स्टॉक एक्सचेंजों को लेटरल के रूप में एए दर्जे वाले बॉन्ड की अनुमति देने में सक्षम बनाना।
- कॉरपोरेट बॉन्ड के लिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की उपयोग सुलभता की समीक्षा होगी।
- सेबी के विनियामक दायरे में इलैक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म
- सामाजिक उद्यमों और स्वैच्छिक संगठनों को सूचीबद्ध करना।
- इक्विटी, ऋण या म्यूचअल फंड जैसी यूनिटों की तरह पूंजी जुटाना।
- सेबी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम सरकारी शेयरधारिता 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने पर विचार करेगा।
- देशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) मानदंडों को निवेशकों के अधिक से अधिक अनुकूल बनाना।
- राजकोषीय हुंडियों और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए खुदरा निवेशक लाने के लिए सरकार स्टॉक एक्सचेंजों का इस्तेमाल करते हुए संस्थागत विकास सहित आरबीआई के प्रयासों को पूर्णत: प्रदान करेगी।
- भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का और अधिक आकर्षक गंतव्य स्थल बनाने के उपाय
- सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके विमानन, मीडिया (एनीमेशन एवीजीसी) और बीमा क्षेत्र को एफडीआई के लिए और अधिक खोला जा सकता है।
- बीमा मध्यस्थताओं को 100 प्रतिशत एफडीआई।
- एकल बॉन्ड के खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के लिए स्थानीय स्रोत के मापदंडों को आसान बनाना।
- सरकार राष्ट्रीय अवसरंचना निवेश निधि (एनआईआईएफ) का उपयोग करके सभी तीनों श्रेणियों के वैश्विक प्रतिस्पर्धियों (पेंशन, बीमा, सम्प्रभु संपत्ति निधियां) वार्षिक वैश्विक निवेशक सम्मेलन का आयोजन करेगी।
- एफपीआई निवेश के लिए वैधानिक या सांविधिक सीमा 24 प्रतिशत से बढ़ाकर क्षेत्रीय विदेशी निवेश सीमा तक करने का प्रस्ताव है। संबंधित कॉरपोरेटों को न्यूनतम सीमा राशि सीमित करने का विकल्प दिया जाता है।
- फपीआई को अवसंरचना निवेश न्यास, रियल एस्टेट निवेश न्यास द्वारा जारी सूचीबद्ध ऋण प्रतिभूतियों को सब्सक्राइब करने की अनुमति
- एनआरआई पोर्टफोलियों निवेश योजना मार्ग का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश मार्ग में विलय का प्रस्ताव।
- अवसंरचना निवेश न्यास, रियल एस्टेट निवेश न्यास जैसी नई और नवोन्मेषी लिखतों और साथ ही साथ टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) के जरिए जुटाए गए संचयी संसाधन 24,000 करोड़ रुपए से अधिक है।
- न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) एक सरकारी क्षेत्र का उद्यम है, जिसे अंतरिक्ष विभाग की वाणिज्यिक शाखा के रूप में शामिल किया गया है।
- लॉच व्हीकल का उत्पादन, प्रौद्योगिकियों का अंतरण और अंतरिक्ष उत्पादों का विपणन जैसे उत्पादों के वाणिज्यिकरण जैसे इसरो द्वारा किए गए अनुसंधान एवं विकास के लाभों को उपयोग में लाना।
- 400 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर दी दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई।
- 2 करोड़ रुपए से 5 करोड़ रुपए तथा 5 करोड़ रुपए और उससे अधिक की करयोग्य आय वाले व्यक्तियों पर अधिभार बढ़ाया गया।
- ‘कर भुगतान’ की श्रेणी में भारत की कारोबार करने की सुगमता वाली रैंकिंग 2017 में 172 से 2019 में 121 हो गई।
- पिछले पांच वर्षों में प्रत्यक्षकर राजस्व 78 प्रतिशत से बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपए हो गया।
- कर सरलीकरण और जीवन में सुगमता- प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर अनुपालन को सुगम बनाना।
- पैन और आधार में आपसी अदला-बदली
- जिनके पास पैन नहीं है, वे आधार के जरिए रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
- जहां पैन की आवश्यकता है वहां आधार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पहले से भरी हुई आयकर विवरणियां दाखिल करना
- आय और कटौती सहित पहले से भरी हुई कर विवरणियां कर दाताओं को उपलब्ध कराई जाएगी।
- बैंकों स्टॉक एक्सचेंजों म्यूचुअल फंडों से सूचना जुटाई जाएगी।
- व्यक्तिगत उपस्थिति के बिना ई-निर्धारण
- व्यक्तिगत उपस्थिति के बिना ई-निर्धारण लागू किया जाएगा।
- शुरूआत में उन मामलों में ई-निर्धारण किया जाएगा जहां कुछ खास लेन-देनों या विसंगतियों का सत्यापन करना जरूरी है।
- 45 लाख रुपए तक के मूल्य वाले मकान की खरीद पर 31 मार्च, 2020 तक की अवधि तक के लिए गए ऋण पर चुकाए गए ब्याज के लिए 1.5 लाख रुपए तक की अतिरिक्त कटौती।
- 15 साल की ऋण अवधि पर लगभग 7 लाख रुपए का समग्र लाभ।