श्री कृष्ण जन्माष्टमी: कोरोना के चलते दूर से ही करने पड़ रहे कान्हा के दर्शन
कुरुक्षेत्र। (अशोक यादव) धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से भगवान श्री कृष्ण का गहरा नाता होने के कारण यहां हर वर्ष श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन भव्य एवं विशाल स्तर पर होता है। पूरी नगरी भगवान श्री कृष्णमयी हो जाती है, इस बार जिला प्रशासन की ओर से भगवान श्री कृष्ण की नगरी कुरुक्षेत्र में शोभायात्रा इत्यादि पर प्रतिबंध रहेगा, जिला प्रशासन ने दिए सभी संस्थाओं को सावधानी के आदेश दिए हैं, ऐसे में इस बार शायद श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कुरुक्षेत्र के मंदिरों में वह भव्यता नजर न आये। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए प्रशासन द्वारा सावधानियां रखी बरती जा रही हैं। जिस कारण श्रद्धालुओं को कान्हा के दूर से ही दर्शन करने पड़ें। ऐसे में लगता है कि कोरोना संक्रमण का असर त्योहारों पर भी दिखने लगा है। लोगों का अनुमान है कि इस साल कुरुक्षेत्र के मंदिरोंमें वैसी रौनक नहीं दिखाई देगी जैसी बीते वर्षों में धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में में दिखाई दिया करती थी। कुरुक्षेत्र की जयराम विद्यापीठ के सतबीर कौशिक ने कहा कि झांकियां, रंगारंग कार्यक्रम, रासलीला और मंदिरों में भक्तों की भीड़ पर इस बार कोरोना का असर दिखेगा। नगर के मंदिरों में न ही भव्य झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी और न ही प्रसाद बांटा जाएगा। श्री कृष्ण भक्तों को इस बार झूला झुलाने की बजाय दूर से ही दर्शनों का आनंद लेना पड़ सकता है। हालांकि ब्रह्मसरोवर के तट पर जयराम विद्यापीठ में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर अल्प कार्यक्रम रखा गया है। विद्यापीठ राधा कृष्ण मंदिर में पूजा एवं आरती होगी। कान्हा के दर्शन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखना होगा। झांकियां व भंडारा नहीं होगा। मंदिर के अंदर ही सजावट की जाएगी। कृष्णा के झूले और भक्तों के बीच भी सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाएगी। मंदिर में सेनिटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही एंट्री दी जाएगी। इसके साथ मंदिर में मास्क पहनकर आना अनिवार्य है। ---PTC NEWS---