कुमारी सैलजा ने की किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार लोगों की सरकार नहीं है। यह सरकार केवल चंद लोगों की सरकार है। सत्ता के लालच में चंद लोग इकठ्ठा होकर इस सरकार का हिस्सा बने हैं। यह सरकार अपने आप तक सीमित रह गई है। जो तानाशाही की बातें हम किताबों में पढ़ते थे, वह केंद्र और प्रदेश की सरकार में देखने को मिल रही है। यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हिसार में आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश कृषि बाहुमुल्य प्रदेश है। हरियाणा प्रदेश देश का पेट भरता है। प्रदेश के किसान बीते नौ महीनों से सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह सरकार हमारे किसान भाइयों पर बर्बरतापूर्वक कार्रवाई कर रही है। सरकार बातचीत का दिखावा करती है। इसके विपरीत किसानों पर अत्याचार किए जा रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। मगर यह सरकार तरह-तरह की साजिशें रचकर उन पर अत्याचार कर रही है। कांग्रेस सरकार में लोगों की बात सुनी जाती थी। कांग्रेस सरकार में लोगों को काले झंडे दिखाने तक की नौबत नहीं आती थी। यह भी पढ़ें- VIDEO: सीएम मनोहर लाल के लिए खरीदी जाएगी 1 करोड़ 10 लाख की गाड़ी यह भी पढ़ें- कांग्रेस विधायकों को साथ लेकर राज्यपाल से मिले भूपेंद्र सिंह हुड्डा, इन मुद्दों को लेकर सौंपा ज्ञापन कुमारी सैलजा ने कहा कि करनाल की बात हो या हिसार, सिरसा, कुरुक्षेत्र और पलवल की बात हो जगह-जगह किसानों का खून बहाया गया। करनाल शहर से दूर किसान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। किसान सिर्फ काले झंडे दिखाना चाहते थे। लेकिन एक आला अफसर ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहा है, जिसकी लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है। हरियाणा कांग्रेस के नेताओं ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में ज्ञापन सौंपकर करनाल में किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है और दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की भी मांग की है। आयोग के सदस्यों ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा किए गए जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव कर किसानों की बर्बादी का एक और नया अध्याय लिखा है। सरकार के इस फैसले से अब पीपीपी मोड वाले प्रोजेक्ट के लिए भी किसानों की सहमति के बिना भूमि का अधिग्रहण किया जा सकेगा। सरकार ने संशोधन के जरिए हरियाणा प्रदेश की जमीन हड़पने की तैयारी की है। सरकार प्रदेश की जमीन को अपने कुछ पूंजीपति मित्रों के हवाले करना चाहती है। साथ ही सरकार परिवार पहचान पत्र विधेयक के माध्यम से आमजन के निजता के अधिकारों पर कुठाराघात करने जा रही है।