हरियाणा में गौशालाओं में छाया चारे के संकट, प्रदेश की 650 गौशालाओं में साढ़े चार लाख गौवंश
हरियाणा में गौवंश के चारे पर संकट पैदा हो गया है। सबसे ज्यादा मार उन जगहों पर है जिन जिलों में गौशालाएं सबसे अधिक है सिरसा, फतेहाबाद सहित हिसार जिले में सबसे अधिक गौशालाएं हैं। तूड़ी के रेट 850 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया है। इससे गौशालाओं का खर्च भी दोगुना हो गया है। औसतन 2000 गाय वाली गौशाला में अकेली तूड़ी का खर्च करीब 20 लाख रुपये आता था मगर अब रेट दो गुने होने से यह खर्च भी दोगुना हो गया है। प्रदेश भर की साढ़े छ सौ गौशालाओं में साढ़े चार लाख गौवंश है। गौशाला संचालक सरकार से गौशालाओं की आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं। महज कुछ दिनों का चारे के स्टॉक बचा है। गौशाला संचालकों का कहना है कि गेंहू की कम पैदावार होने से इस बार चारे का इतंजाम नहीं हो पा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस बार चारा दो से तीन गुणा मंहगा खरीदना पड़ रहा है। सूखे चारे को एक हजार प्रति किवंटल के हिसाब से गौशाला संचालक खरीद रहे हैं, हरियाणा गौवंश गौशाला संघ के प्रधान डॉ जगदीश मलिक सरकार मांग की है कि हरियाणा सरकार उनकी आर्थिक मदद व चारे की व्यवस्था करें नहीं तो प्रदेश भर के गौवंश को सड़कों पर छोड़ देंगे। गौशाला संचालकों का कहना है कि लंबे समय से चारे की समस्या गौशालाओं के सामने आ रही है। अबकि बार तूड़े की गंभीर समस्या है और लोग स्टाक कर रहे हैं इसके कारण रेट बढ़ गए हैं। वहीं जिला प्रशासन ने भी तूड़ी की समस्या को देखते हुए गेहूं के अवशेष जलाने और इनको जिले से बाहर भेजने पर पाबंदी लगा दी है।