
मणिपुर के नोनी जिले में रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट पर हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या शनिवार को 24 पहुंच गई है। मृतकों में 18 जवान शामिल हैं। ये सभी जवान टेरिटोरियल आर्मी के हैं। इन्हें रेलवे कंस्ट्रक्शन साइट की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था।
अभी सेना के कई जवान अभी भी लापता हैं। पीटीआई(समाचार एजेंसी) ने कि 38 लोग अब भी लापता है। राहत और बचाव कार्य जोरों पर है। इसमे तेजी लाने के लिए कई और टीमों को काम में लगाया गया है। सेना, असम राइफल्स, टेरिटोरियल आर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को मलबे में ढूंढने में लगी हुई हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री राहत एवं बचाव कार्यों पर भी नजर बनाए हुए हैं।
उन्होंने इस घटना को इतिहास का सबसे दर्दनाक हादसा बताया है। सीएम ने कहा कि यह राज्य के इतिहास में सबसे दुखद घटना है। इस हादसे में 81 लोगों की जान चली गई है। 18 टेरिटोरियल आर्मी के शवों को बरामद किया गया है। मलबे के कारण सभी शवों को निकालने में 2-3 दिन का समय और लगेगा।
बता दें कि मणिपुर में बुधवार को 29 जून की रात को नोनी जिले में तुपुल रेलवे स्टेशन पर भारी भूस्खलन हुआ था। जिरीबाम से राजधानी इंफाल तक बनने वाली रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए 107 टेरिटोरियल आर्मी का एक कैंप वहां तैनात किया गया था।