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चंडीगढ़ विवाद: सत्ता से बाहर होने के बाद ही क्यों आती है पार्टियों को हरियाणा-पंजाब के विवादों की याद: कुंडू

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- April 05th 2022 06:15 PM
चंडीगढ़ विवाद: सत्ता से बाहर होने के बाद ही क्यों आती है पार्टियों को हरियाणा-पंजाब के विवादों की याद: कुंडू

चंडीगढ़ विवाद: सत्ता से बाहर होने के बाद ही क्यों आती है पार्टियों को हरियाणा-पंजाब के विवादों की याद: कुंडू

चंडीगढ़ के मुद्दे पर बुलाए गए हरियाणा विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र को सम्बोधित करते हुए आज जनसेवक मंच संयोजक एवं महम विधायक बलराज कुंडू ने सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी को निशाने पर लेते हुए गंभीर सवाल सदन में उठाये। हरियाणा के हकों को लेकर पेश किये गए प्रस्ताव पर बोलते हुए कुंडू ने कहा कि सबसे पहले तो मैं इस प्रस्ताव का समर्थन करता हूं। साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आप दोनों से मेरे कई गंभीर सवाल भी हैं। कुंडू ने कहा कि अब तक कितनी ही बार ऐसा हुआ है जब केंद्र से लेकर हरियाणा और पंजाब में एक समय पर एक ही पार्टी की सरकारें रहीं तब इन विवादों का समाधान करने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाए गए। उन्होंने भाजपा से लेकर कांग्रेस और इनेलो एवं अकाली दल तक की सरकारों का जिक्र करते हुए इन सभी दलों और इन पार्टियों के नेताओं की नीयत पर सवाल खड़े किए। Prevention of Conversion Bill कुंडू ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि हरियाणा और पंजाब के बीच विवादों का निपटारा करवाने की बजाय इन मुद्दों को लेकर आप सबने अपने-अपने स्वार्थ की राजनीति की है, जबकि तीनों जगह एक ही पार्टी सत्ता में होने से उसका लाभ उठाते हुए शांति के साथ सभी मुद्दों का हल निकाला जा सकता था, लेकिन अफसोस की सभी दलों ने लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ ही किया। haryana budget session सदन में कुंडू ने हरियाणा निर्माण से लेकर शाह कमीशन की रिपोर्ट और माननीय सुप्रीम कोर्ट तक के हरियाणा के हक में आये निर्णयों का हवाला देते हुए औऱ उन पर अभी तक कोई अमल न होने को लेकर भी पूर्व की सरकारों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये। साथ ही किसान आंदोलन की बदौलत जुड़े हरियाणा और पंजाब के भाईचारे का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि विवादों को हवा देकर इस भाईचारे को खराब ना करके केंद्र सरकार से बातचीत करके शांति के साथ दोनों राज्यों में बातचीत होनी चाहिए। No confidence Motion Haryana बातचीत के जरिये ही राजधानी चंडीगढ़ और एसवाईएल समेत बाकी सभी विवादों का भी निपटारा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से दोनों राज्यों के बीच भाईचारे का माहौल बना है और हमें चाहे पंजाब हो या हरियाणा दोनों तरफ से ऐसी कोई हरकत नहीं होनी चाहिए जिससे इस भाईचारे पर जरा भी आंच आये।


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