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रेवाड़ी/महेंद्र भारती: कोसली अनाज मंडी में प्रशासन की लापरवाही से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। किसानों ने तय समय के तहत 6 अक्तूबर को मंडी में गेटपास कटवाकर बाजरे की फसल को आढ़ती के हवाले कर दिया, लेकिन शुक्रवार देर रात से हो रही बरसात में पुख्ता इंतजाम न होने के कारण बाजरा भीग गया और अब खरीद एजेंसी हैफेड ने भीगा बाजरा खरीदने से इंकार कर दिया।
बाजरा खरीदने से इनकार करने के चलते आढ़ती-किसान भारी परेशानी झेल रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। आढ़तियों ने कहा 6 अक्टूबर को लगभग 1250 गेट पास काट दिए, खरीद नही करनीं थी तो इतने गेट पास क्यों काटे गए। मंडी में लिफ्टिंग की स्पीड भी नकारा साबित हुई।
किसानों ने मंडी प्रशासन को बाजरा भीगने का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 6 अक्टूबर को बाजरा मंडी में डाल दिया गया था। अभी तक खरीद नही हुई थी। अब बाजरा भीग गया। अब इसे खरीदने से इनकार किया जा रहा है। हम बाजरे का पूरा दाम लेंगे, प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा हम कतई नहीं भुगतेंगे। वहीं, किसान और आढ़ती हेफेड के डीएम के सामने हाथ जोड़कर गिड़गड़ाते दिखे। किसानों ने कहा कि साहब बाजरा ले लो और बाजरा उठान की लिफ्टिंग की स्पीड भी बढ़ाई जाए।
वहीं, हेफेड के डीएम ने कहा बाजरा भीगने के जिम्मेवार आढ़ती हैं। अनाज मंडी के नवनियुक्त प्रधान हंसराज सिंघल ने कहा कि मंडी में खरीद व उठान अव्यवस्थाओं की खामी के लिये शीघ्र ही हमारा प्रतिनिधि मंडल जिला उपायुक्त रेवाड़ी से मिलने जाएगा।