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हरियाणा सरकार के इस सुझाव पर केंद्र का अमल, अब देशभर में लागू होगा यह नियम

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Arvind Kumar
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हरियाणा सरकार के इस सुझाव पर केंद्र का अमल, अब देशभर में लागू होगा यह नियम
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नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क ट्रांसपोर्ट और राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रांसपोर्ट वाहनों को चलाने के लिए चालक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता को हटाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली, 1989 के नियम 8 के तहत, वाहन चालक के लिए 8वीं पास होना जरुरी है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे बेरोजगार व्यक्तियों की बड़ी संख्या है, जिनके पास औपचारिक शिक्षा नहीं है, लेकिन वे साक्षर और कुशल हैं।
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Govt of India 1 हरियाणा सरकार के इस सुझाव पर केंद्र का अमल, अब देशभर में लागू होगा यह नियम ट्रांसपोर्ट मंत्रालय की अभी हाल ही में आयोजित बैठक में, हरियाणा सरकार ने मेवात क्षेत्र के आर्थिक रूप से पिछड़े चालकों के लिए शैक्षणिक योग्यता की शर्त को हटाने का अनुरोध किया था। मेवात में लोगों की आजीविका कम आय वाले साधनों पर निर्भर करती है, जिसमें वाहन चलाना भी शामिल है। राज्य सरकार ने यह अनुरोध किया था कि इस क्षेत्र में अधिकांश लोगों के पास आवश्यक कौशल तो है, लेकिन आवश्यक शैक्षणिक योग्यता नहीं है इसलिए इन्हें ड्राइविंग लाइसेंस मिलना मुश्किल हो रहा है। यह महसूस किया गया है कि शैक्षणिक योग्यता की तुलना में वाहन चलाने की कौशलता अधिक महत्वपूर्ण है। न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त योग्य बेरोजगार युवाओं के लिए एक बड़ी बाधा बनी हुई है। इस आवश्यकता को हटाने से बड़ी संख्या में बेरोजगार व्यक्तियों, विशेषकर युवाओं के लिए देश में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यह भी पढ़ें : वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर पीएम मोदी ने 19 को बुलाई सर्वदलीय बैठक यही नहीं, इस निर्णय से ट्रांसपोर्ट और माल ढुलाई क्षेत्र में लगभग 22 लाख चालकों की कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी। शैक्षिक योग्यता की जरूरत चालकों की उपलब्धता में बाधक बनी हुई है।
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Govt of India (1) हरियाणा सरकार के इस सुझाव पर केंद्र का अमल, अब देशभर में लागू होगा यह नियम हालांकि, चालकों के लिए न्‍यूनतम शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाते हुए मंत्रालय ने प्रशिक्षण और कौशल की परीक्षा पर जोर दिया है ताकि सड़क सुरक्षा से किसी भी तरह का कोई समझौता न हो। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी भी व्‍यक्ति के लिए कड़ी कौशल परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार इस बात पर बल दिया है कि किसी स्‍कूल या प्रतिष्‍ठान द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण में यह सुनिश्चित होना चाहिए कि चालक संकेतों को पढ़ने, लॉजिस्टिक ड्यूटी जैसे कि ड्राइवर लॉग्स का रखरखाव करने, ट्रकों और ट्रेलरों का निरीक्षण करने, प्री-ट्रिप और पोस्ट-ट्रिप रिकॉर्ड प्रस्तुत करने, कागजी कार्रवाइयों की विसंगतियों का निर्धारण करने, सुरक्षा संबंधी खतरों को रिपोर्ट करने के लिए कुशल संचार कल पाने में सक्षम हो। यह भी पढ़ें : ममता बोलीं- 15-20 पार्षदों के पार्टी छोड़ने से नहीं पड़ता फर्क, टीएमसी मजबूत इतना ही नहीं, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल सुविधाएं प्रदान करने वाले स्कूल और प्रतिष्ठान राज्यों के नियामक नियंत्रण के अधीन हैं। इसलिए प्रदान किए जाने वाला प्रशिक्षण किसी विशेष प्रकार के मोटर वाहन के चालन संबंधी सभी पहलुओं को कवर करते हुए उच्‍च गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। मंत्रालय मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक में शैक्षिक योग्‍यता की आवश्‍यकता हटाने का प्रस्‍ताव पहले ही कर चुका है जिसे पिछली लोकसभा द्वारा पारित किया जा चुका है। इस विषय पर संसद की स्‍थायी समिति और चयन समिति ने भी विचार-विमर्श किया था। उपरोक्‍त के मद्देनजर सड़क ट्रांसपोर्ट एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केन्‍द्रीय मोटर वाहन 1989 के नियम 8 में संशोधन की प्रक्रिया आरंभ कर दी है और इस बारे में अधिसूचना जल्‍दी ही जारी की जाएगी। —-PTC NEWS—

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