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पलवल। (गुरुदत्त गर्ग) सर्दी के कहर में जहां रौंगटे खड़े हो उठते हैं वहीं पलवल के गांव रायपुर के राजकीय माध्यमिक पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे ठिठुरती ठंड में बिना गर्म कपड़ों के स्कूल जाने को मजबूर हैं। इसकी वजह कोई और नहीं बल्कि बैंक हैं। गरीबों के हक को बिचौलिए न डकार जाएं, इसी कारण पीएम मोदी और मनोहर लाल खट्टर ने मिलकर योजना बनाई कि सालाना मिलने वाला वर्दी भत्ता और अन्य सरकारी सुविधाओं की राशि सीधा लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी।
इसी कारण राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के बैंक में खाते भी खुलवाए गए। लेकिन सरकार द्वारा बच्चों के बैंक खातों में भेजे गए 1000 में से 600 से 800 रुपए बैंक प्रबंधन ने न्यूनतम बैलेंस न होने की पेनल्टी के तौर पर काट लिए। जिससे गरीब बच्चे स्कूल की गर्म वर्दी पहने बिना ठिठुरती ठंड में पढ़ने को मजबूर हैं।
बैंक खातों में भेजे गए 1000 में से 600 से 800 रुपए बैंक प्रबंधन ने पेनल्टी के तौर पर काट लिए
पलवल के रायपुर के करीब 70 बच्चों के खाते बैंक शाखा में खुले हैं। परिजन जब बैंक से पैसे निकलवाने गए तो ठंड बचाव से बच्चों के गर्म वर्दी की जरूरत पूरा करने के अरमान अधूरे ही रह गए। मात्र 200 से 400 के बीच वर्दी का खरीदना मुमकिन नहीं है।
परिजन और अध्यापक अब बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं।
परिजन और अध्यापक अब बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं। छात्राओं ने मांग की है कि उनके बैंक खातों से काटी गई राशि उन्हें वापस की जाए जिससे ठंड से बचने के लिए वर्दी खरीद सके।
बच्चों के खातों को जिरो बैलेंस कराकर उनके काटे गए रुपयों को वापस कराया जाएगा: मौलिक शिक्षा अधिकारी
पलवल जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी अनील शर्मा ने बताया कि इस बारे में उन्हें शिकायत मिली है कि बच्चों के खाते से रुपये काटे गए हैं। इस संबंध में उन्होनें बैंक प्रबंधन से भी बात की है, जिन्होंने बताया कि बच्चों के खाते जिरो बैलेंस से नहीं थे। इसलिए पेनल्टी के तौर पर रुपये कटे हैं। लेकिन अब सभी बच्चों के खातों को जिरो बैलेंस कराकर उनके काटे गए रुपयों को वापस कराया जाएगा।
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