हिमाचल प्रदेश ने 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की पात्र आबादी का शत-प्रतिशत टीकाकरण सफलतापूर्वक पूर्ण कर देश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश में अब तक पहली और दूसरी खुराक सहित 74 लाख से अधिक खुराकें लोगों को लगाई जा चुकी हैं। आज प्रदेश में केवल 1500 सक्रिय मामले हैं। राज्य सरकार कोरोना को नियन्त्रित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। पहले जहां प्रदेश में 32 आइसीयू सुविधाओं के साथ 440 बिस्तरों वाले 11 समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र थे वहीं वर्तमान में प्रदेश में इस प्रकार के 80 केंद्र हैं जहां 880 आईसीयू बिस्तरों के साथ 8765 बिस्तर की सुविधा है, जिन्हें आवश्यकता पड़ने पर 11000 बिस्तरों तक बढ़ाया जा सकता है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नागरिक अस्पताल पालमपुर में आयोजित वीडियों काॅन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे केवल आलोचना में विश्वास रखते हैं क्योंकि 50 वर्षों से अधिक समय तक सत्ता में रहते वे हुए स्वास्थ्य क्षेत्र की दयनीय स्थिति को भूल चुके हैं। एक समय राज्य में केवल दो ऑक्सीजन संयंत्र आईजीएमसी शिमला और आरपीएमसी टांडा में थे, परन्तु वर्तमान में हिमाचल ने इस घातक संक्रमण के विरूद्ध अपनी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाया है और राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों मंे 2200 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र हैं।
यह भी पढ़ें- फंदे पर लटका मिला बैंक मैनेजर का शव, इलाके में फैली सनसनी यह भी पढ़ें- रहस्यमयी बुखार से 8 बच्चों की मौत, दर्जनों बच्चे अस्पताल में भर्तीमुख्यमंत्री ने कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में प्रदेश को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए राज्य में शत-प्रतिशत टीकाकरण का कार्य आसान नहीं था। लाहौल-स्पीति शत-प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य हासिल करने वाला प्रदेश का पहला जिला है। इसके पश्चात जिला किन्नौर ने शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त किया। प्रदेश सरकार ने बड़ा भंगाल में हेलीकाॅप्टर के माध्यम से टीकाकरण की विशेष व्यवस्था की। मलाणा प्रदेश का दूसरा सबसे दुर्गम क्षेत्र है और यहां पर भी टीकाकरण के विशेष प्रबंध किए गए। उन्होंने संकट के इस कठिन समय में जन सेवाएं प्रदान करने के लिए कोरोना योद्धाओं का आभार व्यक्त किया।
-