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झज्जर। (प्रदीप धनखड़) करीब 75 साल पहले द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इटली में शहीद हुए ब्रिटिश इंडियन आर्मी की फ्रंटियर फोर्स राइफल के सिपाही झज्जर के गांव नौगांवा के हरिसिंह की अस्थियां आने का गांव वाले व परिजन बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। जिला सैनिक बोर्ड द्वारा अस्थियां अगले तीन रोज के भीतर आने की बात कही गई है। हरि सिंह की शहादत की पुष्टि इटली सरकार ने अक्टूबर माह में की थी।
मामले के अनुसार द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान झज्जर के गांव नौगांवा के हरि सिंह और हिसार के नंगथला गांव निवासी पालुराम ब्रिटिश इंडियन आर्मी की फ्रंटियर फोर्स राइफल में सिपाही के तौर पर कार्यरत थे। वर्ष 1947 के बंटवारे के दौरान यह राइफल पाकिस्तान को सौंप दी गई थी। इस राइफल ने द्वितीय विश्व युद्ध (वर्ष 1939 से 1945) के दौरान इटली में जाकर युद्ध लड़ा था। दोनों सिपाही वर्ष 1944 में इटली में शहीद हो गए थे लेकिन इनके शव नहीं मिले थे। दोनों को 13 सितंबर, 1944 को गुमशुदा घोषित कर दिया गया था।
शहादत के 75 साल बाद आएंगी नौगांवा के हरिसिंह की अस्थियां
इसके बाद वर्ष 1996 को इटली में मानव कंकाल के कुछ अवशेष मिले और डीएनए जांच के दौरान वर्ष 2012 में खुलासा हुआ कि ये कंकाल करीब 20 से 22 वर्ष के युवकों के है और यूरोपीय नस्ल से मेल नहीं खाते। बाद में कॉमनवेल्थ ग्रेव कमिशन से मिले डाटा की जांच से खुलासा हुआ कि ये कंकाल ब्रिटिश इंडियन आर्मी की फ्रंटियर फोर्स राइफल के दो सिपाही के हैं और जांच के बाद इसकी पुष्टि हो गई। बताया जाता है कि दोनों का संस्कार इटली में कर दिया गया है और उनकी मिट्टी अब भारत आएगी।
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