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मुख्तार अंसारी पूर्वांचल की सबसे चर्चित 356 मऊ सदर विधानसभा को माफिया विधायक के नाम से जाना जाता है। यह विधायक लगातार पांच चुनाव जीत चुके है और छठवीं बार चुनाव लड़ने जा रहे है। विधायक के अधिवक्ता दारोगा सिंह ने सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए न्यायालय में नामांकन पत्र लिए सहमति पत्र दाखिल किया है।
बता दें की सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा पर बृजेश सिंह को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए मुख्तार अंसारी का समर्थन करने की बात कही है। तभी से पूर्वांचल में मुख्तार संग सुभासपा की करीबियों को लेकर चर्चाएं आम होने लगी थीं।
इस तरीके से अदालत से आने वाला फैसला ही तय करेगा कि मुख्तार जेल से चुनाव लड़ेंगे भी उन्हें अनुमती नहीं दी जाएगी। इस कारण अब सब की निगाह अदालत से आने वाले फैसले पर टिकी हुई है। जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद थे और सुभासपा ने मऊ सदर विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। इसका दावा करते हुए मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता दरोगा सिंह ने मंगलवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट में अर्जी दी है। अर्जी में बांदा जेल में बंद सदर विधायक से उनके अधिवक्ता, प्रस्तावकों, नोटरी अधिवक्ता एवं फोटोग्राफरों की मुलाकात की अनुमति देने की मांग की गई है।
बता दें की मुख्तार अंसारी 1996 में बसपा से विधायक बने थे। इसके बाद 2002 व 07 में निर्दलीय चुनाव जीते। 2012 में कौमी एकता दल से फिर विधायक निर्वाचित हुए।
इसके बाद 2017 में मुख्तार को फिर से बसपा ने प्रत्याशी बनाया और विधायक बने। मुख्तार अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 356 विधानसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। नामांकन के साथ ही उसके साथ संलग्न शपथपत्र पर प्रत्याशी की चल अचल संपत्तियों से संबंधित मुकदमों की जानकारी और अन्य ब्योरे दर्ज किए जाते हैं। नामांकन पत्र में उम्मीदवार के हस्ताक्षर भी होते हैं। नामांकन की औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद उनके अधिवक्ता, नोटरी अधिवक्ता, फोटोग्राफर, प्रस्तावकों को जेल में जाने की अनुमति दी जाए फिलहाल इस मामले पर सुनवाई के लिए बुधवार 9 फरवरी के दिन को नियत किया गया है। सुभासपा के जिलाध्यक्ष रामजीत राजभर ने इस बात की पुष्टि की है।-