
पटना। देश में खिलाड़ियों को किस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक नेशनल लेवल का तैराक सड़क पर स्टॉल लगाकर चाय बेचने को मजबूर है। पटना का रहने वाला यह तैराक गोपाल यादव राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है।
जानकारी के मुताबिक गोपाल ने कोलकाता में आयोजित राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व किया है। इसके बाद उन्होंने 1988 और 1989 में केरल में आयोजित राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। उन्होंने दानापुर में आयोजित राज्य चैम्पियनशिप में 100 मीटर बैकस्ट्रोक प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया था। लेकिन अब उन्हें पछतावा हो रहा है।
गोपाल यादव की इस स्थिति को देखकर उनके बेटों ने भी तैराकी छोड़ दी है। गोपाल यादव का कहना है कि उनके दो बेटे हैं और दोनों अच्छे तैराक हैं लेकिन मेरी स्थिति को देखकर उन्होंने तैराकी छोड़ दी।
ऐसा नहीं है कि गोपाल ने कहीं नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया। गोपाल ने कई बार नौकरी के लिए आवेदन किया। लेकिन उनका आरोप है कि हर बार उनसे रिश्वत मांगी गई और थक हारकर उन्होंने पटना की सड़कों पर चाय बेचना शुरू किया। उन्होंने अपनी दुकान का नाम भी ‘नेशनल तैराक टी-स्टॉल’ रखा है।
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