देश में हर साल 16 जनवरी को मनाया जाएगा 'नेशनल स्टार्ट-अप डे', दुनिया में बजा भारत का डंका: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आज शनिवार को देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम (Startup Ecosystem) को मजबूत करने के लिए देशभर के स्टार्टअप (Startup) के साथ बातचीत के दौरान कहा कि स्टार्ट-अप्स का कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे इसके लिए 16 जनवरी को अब ‘नेशनल स्टार्ट-अप डे’ के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के उन सभी स्टार्टअप्स को सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं। 'ये भारत का Techade है' पीएम मोदी ने कहा, 'इस दशक को भारत का Techade (प्रौद्योगिकी का दशक) कहा जा रहा है। इस दशक में Innovation, entrepreneurship और start-up इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है। उन्होंने उद्यमशीलता, इनोवेशन को सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त कराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इनोवेश को प्रमोट करने के लिए institutional mechanism का निर्माण करना होगा।' पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करने और इनोवेशन को संस्थागत करने का है। 9,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेटे करने और नए विचारों पर काम करने का मौका दे रही हैं।' ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में सुधार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इनोवेशन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है। वर्ष 2015 में इस रैंकिंग में भारत 81 नंबर पर था। अब इनोवेशन इंडेक्स में भारत 46 नंबर पर है। पीएम मोदी ने कहा कि देश के स्टार्टअप इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं मानता हूं कि स्टार्टअप 'न्यू इंडिया' का मुख्य आधार बनने वाले हैं। पीएम ने कहा, जिस स्पीड और स्केल में आज भारत का युवा स्टार्ट-अप बना रहा है, वो वैश्विक महामारी के इस दौर में भारतीय की प्रबल इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का प्रमाण है। पहले बेहतरीन से बेहतरीन समय में इक्का-दुक्का कंपनियां ही बड़ी बन पाती थी, लेकिन बीते साल तो 42 यूनिकॉर्न देश में बने हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2013-14 में जहां 4 हजार पेटेंट्स को स्वीकृति मिली थी, वहीं पिछले वर्ष 28 हजार से ज्यादा पेटेंट्स ग्रांट किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013-14 में जहां करीब 70 हजार ट्रेडमार्क रजिस्टर हुए थे, वहीं 2020-21 में ढाई लाख से ज्यादा ट्रेडमार्क्स रजिस्टर किए गए हैं। ऐसे ही वर्ष 2013-14 में जहां सिर्फ 4 हजार कॉपीराइट्स ग्रांट किए गए थे वहीं पिछले साल इनकी संख्या बढ़कर 16 हजार के भी पार हो गई।