कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, जारी होगा नोटिस
चंडीगढ़। (अमनप्रीत कौर) हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत शपथ पत्र देने के मामले में हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बुधवार को इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में सवा घंटे की बहस के बाद मंत्री को नोटिस जारी करने का फैसला हुआ है। नोटिस के माध्यम से मंत्री से पूछा जाएगा कि क्यों ना आप के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत झूठा शपथ पत्र देने और धोखाधड़ी करने का केस चलाया जाये। [caption id="attachment_321734" align="aligncenter" width="646"] कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, जारी होगा नोटिस[/caption] दरअसल गुरुग्राम के आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंदर ढींगरा ने याचिका में आरोप लगाया है कि राव नरबीर सिंह ने अपने चुनावा नामांकन में अपनी शैक्षणिक योग्यता बारे में गलत जानकारी दी है। हालांकि मंत्री ने इन सभी आरोपों को निराधार बताया है। ढींगरा के मुताबिक राव नरवीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए। उन्होंने 2005 में शपथपत्र दाखिल किया कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है। 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है। उन्होंने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है। यह भी पढ़ें : कश्मीर मुद्दे पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार नहीं, सदन में बोले रक्षा मंत्री ढींगरा ने आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में एक केस की सुनवाई करते हुए कहा था कि हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है। 1997 में राम भगत शर्मा बनाम हरियाणा राज्य के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने साफ किया था कि यह विश्वविद्यालय अमान्य है। इससे डिग्री लेकर सरकारी नौकरी लगे लोगों को हटाया जाए।