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चंडीगढ़। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि दशकों से तहसीलों में रजिस्ट्री करवाने के लिए लोगों को विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते थे, अब राज्य सरकार ने पुरानी व्यवस्था को दुरूस्त किया है। अगर कोई विभाग 14 दिन तक अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं देता है तो उसे डिम्ड स्वीकृति समझकर रजिस्ट्री कर दी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के नेताभूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा जमीनों की रजिस्टरी के मुद्दे पर सदन में जवाब दे रहे थे। डिप्टी सीएम ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक के कार्यकाल में गलत तरीके से सीएलयू व सैक्टर काटे गए,क्या उस बात से विपक्ष के नेता वाकिफ नहीं हैं।
विपक्ष के नेता द्वारा इस मुद्दे पर सीबीआई या विधानसभा कमेटी या हाईकोर्ट के किसी सीटिंग जज से जांच करवाने के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने पलटवार करते कहा कि हमारी सरकार ने पहले भी कई मुद्दे सीबीआई जांच को सौंपे हैं, शायद इस बात की विपक्ष के नेता को अवश्य जानकारी है। उन्होंने विपक्ष के नेता पर उलटा सवाल दागते हुए कहा कि क्या वे बताएंगे कि उन्होंने अपने शासन के 10 साल के कार्यकाल में गलत तरीके से हुए कितने सीएलयू रद्द किए गए। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उस समय तो आपकी कलम पक्की नहीं थी और वह दिल्ली से चलती थी।
उपमुख्यमंत्री ने सदन को इस बात से भी अवगत करवाया कि 23 नवंबर 2019 को जब से उन्होंने राजस्व विभाग का कार्यभार संभाला है, उसी दिन से ही सभी जिला राजस्व अधिकारियों की कमेटी बना दी गई थी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सभी 83 शहरी स्थानीय निकाय तथा 38 कस्बों के निर्धारित कंट्रोल्ड एरिया की जियो-मैपिंग करवाने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने कहा कि हमने रजिस्टरियों के कार्य का सरलीकरण किया है ताकि लोगों को परेशानी न हो तथा कार्य में पारदर्शिता आए।
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