पोतों के साथ बैठकर दादा करते हैं पढ़ाई, 65 की उम्र में दे रहे 12वीं की परीक्षा
कैथल। कौन कहता है कि आसमां में छेद हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है कैथल के गांव देवीगढ़ के सतपाल ने। वैसे पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती लेकिन रिटायरमेंट की उम्र में एक बुजुर्ग पढ़ाई करता है तो सबको अचरज जरूर होता है। गांव देवीगढ़ का बुजुर्ग सतपाल 65 वर्ष की उम्र में 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रहा है और अपने जैसे बुजुर्गों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना हुआ है। सतपाल के पोते पोतियों को अपने दादा पर गर्व है और उनके साथ ही बैठकर वह भी पढ़ते हैं। सतपाल का कहना है कि पढ़ाई की कोई उम्र व समय सीमा नहीं। जब व्यक्ति कोई निर्णय करता है तो अपनी मंजिल को जरूर पा लेता है। इसी को लेकर सतपाल ने भी 45 वर्ष बाद अपनी पढ़ाई शुरू की और अब वह 12वीं कक्षा की परीक्षा दे रहा है। आसपास के गांव के लोग भी उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं और वह भी चाहते हैं कि उनकी तरह वह भी पढ़ाई करें और दूसरे बुजुर्गों और नौजवानों के लिए प्रेरणा बने। सतपाल का कहना है कि वह बारहवीं कक्षा के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखेंगे और आगे भी पढ़ेंगे। उनका कहना है कि उन्होंने 45 वर्ष बाद अपनी पढ़ाई शुरू की है। इससे पहले उन्होंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई करके छोड़ दिया था। उनका मानना है कि अगर वो पड़ेगा तो उनके पोता-पोती भी उन्हें देखकर उनसे प्रेरणा लेंगे और वह भी पढ़ेंगे और बुराई के रास्तों पर नहीं चलेंगे। ---PTC NEWS----