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किसानों से नहीं मिल पाए गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी नेता, सरकार पर बोला हमला

Written by  Arvind Kumar -- February 04th 2021 11:05 AM
किसानों से नहीं मिल पाए गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी नेता, सरकार पर बोला हमला

किसानों से नहीं मिल पाए गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी नेता, सरकार पर बोला हमला

नई दिल्ली। गाज़ीपुर बॉर्डर पर पहुंचे विपक्षी नेताओं को पुलिस ने किसानों से मिलने से रोक दिया। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग देखकर शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि गाज़ीपुर बॉर्डर पर 13 लेवल की बैरिकेडिंग की गई है, इतना तो हिंदुस्तान के अंदर पाकिस्तान बॉर्डर पर भी नहीं है। हमें संसद में भी इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं दिया जा रहा है जो कि सबसे अहम मुद्दा है। Opposition MPs reach Ghazipur border to support farmers struggling against Agricultural lawsबता दें कि आठ-दस पार्टियां के नेता किसानों से मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी। विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी और टीएमसी सांसद सौगत रॉय समेत कई नेता शामिल थे। [caption id="attachment_472064" align="aligncenter" width="700"]Ghazipur border Latest Update किसानों से नहीं मिल पाए गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी नेता, सरकार पर बोला हमला[/caption] इस बीच गाज़ीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के पास लगाई गईं कीलें हटाई जा रही हैं। बता दें कि गाज़ीपुर सहित सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरनास्थल के पास भारी बैरिकेडिंग की गई है। यहां किसानों को रोकने के लिए कंटीली तारें, नुकीली कीलें लगाई गई हैं। किसानों की इस घेराबंदी को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं। यह भी पढ़ें- जींद महापंचायत में भारी संख्या में पहुंचे लोग, किसान नेता राकेश टिकैत ने भरा जोश यह भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा में वांछित दीप सिद्धू और उसके साथियों की सूचना देने पर ईनाम की घोषणा [caption id="attachment_472067" align="aligncenter" width="700"]Farmers Protest किसानों से नहीं मिल पाए गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्षी नेता, सरकार पर बोला हमला[/caption] गौर हो कि किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए आज 71 दिन हो गए हैं। किसान लगातार सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं और 6 फरवरी को चक्का जाम करने जा रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच फिलहाल वार्ता भी नहीं हो रही है। ऐसे में देखना होगा कि कब तक किसानों और सरकार के बीच बातचीत फिर से शुरू होती है और कृषि कानूनों को लेकर कोई हल निकलता है।


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