विपक्ष को रास नहीं आया मोदी सरकार का बजट, ममता ने कहा: पेगासस स्पिन बजट...किसी ने बताया विश्वासघात
Opposition reaction on budget 2022 : सरकार जहां आम बजट 2022 को जनकल्याणकारी बताने में जुटी है वहीं विपक्षी पार्टियों ने बजट के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इसे पेगासस स्पिन बजट करार दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि इसमें देश के आम लोगों के लिए कुछ नहीं है। ममता ने ट्वीट किया कि ‘बेरोजगारी और महंगाई से पिस रहे आम लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है। बड़ी-बड़ी बाते हैं और हकीकत में कुछ नहीं है।‘पेगासस स्पिन बजट’ है।’
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विट में कहा कि भारतीय वेतनभोगी वर्ग के साथ मध्यम वर्ग इस महामारी में चौतरफा वेतन कटौती और मुद्रास्फीति के समय में राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन प्रत्यक्ष कर उपायों पर एफएम (वित्त मंत्री) और पीएम ने उन्हें फिर से निराश किया है। यह भारत के वेतनभोगी वर्ग और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात है।BUDGET HAS ZERO FOR COMMON PEOPLE, WHO ARE GETTING CRUSHED BY UNEMPLOYMENT & INFLATION. GOVT IS LOST IN BIG WORDS SIGNIFYING NOTHING - A PEGASUS SPIN BUDGET — Mamata Banerjee (@MamataOfficial) February 1, 2022
सुखबीर बादल ने कहा कि इंडस्ट्री के कई लाख करोड़ लोन माफ कर दिए गए लेकिन खेतीबाड़ी, गरीब और किसानों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया गया। सांसद मनीष तिवारी ने बजट को हवाई बताया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा बजट है, जिसके बारे में न तो सोचा जा सकता है और न ही इसे लागू किया जा सकता है। उन्होंने इसे कमजोर और नीरस बताया। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने कहा कि बजट से केंद्र की मोदी सरकार का किसान विरोध उजागर हुआ है। साल 2022 में किसान की आय दुगुनी करने का वादा अब रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। खाद सब्सिडी काट दी। MSP गारंटी पर कोई चर्चा नहीं की। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर बजट की आलोचना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि‘बजट किसके लिए है? सबसे अमीर 10 प्रतिशत भारतीय देश की कुल संपत्ति के 75 प्रतिशत के स्वामी हैं। नीचे के 60 प्रतिशत लोग सिर्फ पांच प्रतिशत संपत्ति के मालिक हैं। महामारी के दौरान सबसे अधिक मुनाफा कमाने वालों पर अधिक कर क्यों नहीं लगाया गया?’India’s Salaried Class & Middle Class were hoping for relief in times of pandemic, all round pay cuts and back breaking inflation.
FM & PM have again deeply disappointed them in Direct Tax measures. This is a betrayal of India’s Salaries Class & Middle Class.#Budget2022 — Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) February 1, 2022
उधर बीएसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि 'संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट नए वादों के साथ जनता को लुभाने के लिए लाया गया है, जबकि गतवर्षों के वादों व पुरानी घोषणाओं आदि के अमल को भुला दिया गया है, यह कितना उचित। केन्द्र बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व किसानों की आत्महत्या जैसी गंभीर चिन्ताओं से मुक्त क्यों?' उन्होंने आगे कहा कि 'केन्द्र सरकार द्वारा अपनी पीठ आप थपथपा लेने से अभी तक देश की बात नहीं बन पा रही है। करों की मार लोगों का जीना दुभर किए हुए है। इसीलिए केन्द्र का भरसक प्रयास खासकर बेरोजगारी व असुरक्षा आदि के कारण लोगों में छाई तंगी, मायूसी व हताशा को कम करने की हो तो बेहतर।' हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बजट से लोगों को उम्मीद होती हैं कि आम नागरिक को क्या राहत मिलेगी क्योंकि पिछले दिनों महंगाई दर बढ़ी है बेरोजगारी बढ़ी है। आयकर में 7 वर्षों से राहत नहीं मिली है। यह बजट आम आदमी की आशा और अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। पूर्व मंत्री ने कहा कि किसान देश की रीढ़ की हड्डी है उसने एमएसपी व अन्य मांगों को लेकर गत 13 माह से संघर्ष किया, लेकिन एमएसपी गारंटी पर भी कोई बजट में विशेष बात नहीं दिखीBudget for whom? The richest 10% Indians owns 75% of the country's wealth. Bottom 60% own less than 5%. Why are those who amassed super profits during the pandemic, while joblessness, poverty & hunger have grown, not being taxed more?#Budget2022 — Sitaram Yechury (@SitaramYechury) February 1, 2022