बिजली निगम के खिलाफ जारी हुआ पंचायती फैसला
टोहाना। (सतीश अरोड़ा) गांव कन्हडी में ग्रामीणों ने बिजली निगम के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर फरमान जारी करते हुए बिजली निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के गांव में बिजली के लिए छापेमारी करने के लिए घुसने पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर कोई बिजली अधिकारी या कर्मचारी गांव में ग्रामीणों द्वारा गठित कमेटी से बातचीत किए बिना सीधे तौर पर छापेमारी करता है तो उसके गंभीर परिणाम सरकार और प्रशासन को भुगतने पड़ेंगे। गांव में पंचायत बुलाई गई और उसमें एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें मछिंद्र सिंह नाम के ग्रामीण को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मछिंद्र सिंह ने बताया कि गांव में अनाप-शनाप बिजली चोरी के छापे आस-पास के गांव में विभाग डाल रहा है और लोगों को परेशान कर रहा है। इसलिए कन्हड़ी गांव के ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि गांव में गठित कमेटी से बिना बातचीत किए बिजली निगम के अधिकारी और कर्मचारी किसी घर पर बिजली चोरी के लिए छापेमारी नहीं करेंगे। अगर किसी ग्रामीण के यहां घर पर बिजली चोरी की शिकायत विभाग के पास है तो वह गांव में गठित कमेटी के पास मामले को रखे और कमेटी अपने स्तर पर अधिकारियों के साथ मामले का समाधान करवाएगी। ग्रामीणों का आरोप है कि इस तरह सीधे तौर पर बेवजह छापेमारी करके विजिलेंस या बिजली विभाग की टीम गांव का नाम बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं इस पूरे मामले पर बिजली विभाग के टोहाना एक्सईएन रणवीर सिंह का कहना है कि सभी लोग सामाजिक ताने-बाने और भाईचारे से जुड़े हुए हैं और प्रशासन भी उसी का हिस्सा है। ग्रामीणों ने अगर कोई पंचायती फैसला लिया है तो उसके बारे में पहले कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। समय आने पर विभाग और प्रशासन को मौके पर जो भी कार्रवाई अमल में लाई जानी होगी, उसे कानून के दायरे में रहकर नियमानुसार अमल में लाया जाएगा। ---PTC NEWS---