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पंचकूला हिंसा को हुए एक साल पूरे...आज भी नहीं भूलता वो दर्दनाक मंज़र...

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Baishali C
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पंचकूला हिंसा को हुए एक साल पूरे...आज भी नहीं भूलता वो दर्दनाक मंज़र...
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पंचकूला हिंसा मामले को हुए आज एक वर्ष पूरे हुए. साल भर पहले के उस भयावह मंज़र को आज भी याद करते हुए लोग सिहर उठते हैं...सिरसा के डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की सीबीआई की विशेष अदालत ने 2 साध्वियों के यौनशोषण के आरोप में कुल 20 साल की सज़ा सुनाई थी..ये सज़ा अलग-अलग आरोपों के तहत 10-10 साल तय की गई थी. वहीं सज़ा सुनाए जाने के दिन पंचकूला और आसपास के इलाके में धारा 144 लगाई गई थी. यही नहीं प्रदेश के दूसरे संवेदनशील इलाकों में भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ताकि किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके. क्या हुआ था उस दिन ? 25 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में फैसला सुनाया लेकिन इस फैसले से पहले ही 17 अगस्त को डेरा सच्चा सौदा सिरसा में डेरा प्रमुख राम रहीम राम रहीम की तथाकथित बेटी हनीप्रीत, डेरा के प्रवक्ता विपासना, आदित्य इंसा, अनुयायी चमकौर सिंह, महिंदर इंसा, दान सिंह सहित 45 सदस्यीय कोर कमेटी की एक बैठक हुई, इस बैठक का खुलासा तब हुआ जब दंगों के बाद इनकी गिरफ्तारियां शुरू हुईं. जैसे ही सीबीआई कोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार दिया तो पंचकूला में लाखों की संख्या में एकत्रित डेरा प्रेमियों ने दंगे शुरू कर दिए. इन दंगों के दौरान कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया, सरकारी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया. दंगों की जांच कर रही SI की टीम ने जब गिरफ्त में आए आरोपियों से जब पूछताछ की तो एक चौंकाने वाली बात निकल कर सामने आई. जांच में सामने आया कि दंगों से ठीक पहले डेरा सिरसा में एक बैठक हुई थी जिसमें डेरा प्रमुख राम रहीम के खास लोग और डेरे की 45 सदस्यीय कोर कमेटी के सदस्य शामिल थे. उसमें ये फैसला लिया गया था कि अगर कोर्ट राम रहीम को दोषी करार देती है तो पंचकूला में दंगे शुरू कर दिए जाएंगे. जांच के दौरान ये भी खुलासा हुआ कि इन दंगों की आड़ में डेरा प्रमुख राम रहीम को भगाने की साजिश थी जिसमें राम रहीम की सुरक्षा में तैनात हरियाणा पुलिस, पंजाब पुलिस, राजस्थान पुलिस और राम रहीम के निजी सुरक्षा कर्मी शामिल थे. बहरहाल, घटना को एक साल बीत गए लेकिन दंगों का मास्टरमाइंड आदित्य इंसां एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. दंगों के समय आदित्य इंसा पंचकूला में मौजूद था और व्यापक स्तर पर हुई आगजनी और तोड़फोड़ के बाद वह फरार हो गया था. अब देखना होगा कि आदित्या इंसां की कब तक गिरफ्तारी होती है.-
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