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रोहतक। (अंकुर सैनी) कोरोना का खतरा अपने चरम पर है, जिसे देखते हुए प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रोहतक पीजीआई ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर को पूरी तरह से कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया। अब एक ही जगह पर सैंपलिंग होती है और वहीं पर पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया जाता है। हर रोज औसतन 500 लोग संदिग्ध सामने आ रहे हैं, जिनमें से 10 फ़ीसदी के आसपास पॉजिटिव मिल रहे हैं।
कोरोना का कहर: PGI का ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल में तब्दील
ट्रामा सेंटर के सभी मरीजों को पुराने इमरजेंसी और वार्ड्स में शिफ्ट कर दिया गया गया है। अब यहां पर दुर्घटना और सर्जरी के मरीजों के ऑपरेशन नहीं होंगे। ट्रॉमा सेंटर को पूरी तरह से कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है, जिसमें डॉक्टर्स, स्टाफ नर्स और सेंपलिंग स्टाफ की तैनाती के साथ-साथ कोविड वार्ड और आईसीयू भी बनाया गया है। अप्रैल महीने में औसतन हर रोज तकरीबन 500 लोग जांच के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें से लगभग 10 फ़ीसदी पॉजिटिव भी आ रहे हैं।
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कोरोना का कहर: PGI का ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल में तब्दील
सैंपलिंग इंचार्ज डॉक्टर हरनीत ने बताया कि पीजीआई प्रबंधन ने नॉन कोविड मरीजों की सुरक्षा के लिए एहतियात बरतते हुए विशेष तौर पर कोविड अस्पताल शुरू किया है, ताकि अन्य मरीजों में संक्रमण न फैले सके। अब एक ही जगह पर कोविड की जांच और मरीजों का इलाज होगा।
कोरोना का कहर: PGI का ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल में तब्दील
डॉक्टर हरनीत का मानना है कि संक्रमण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण लोगों की लापरवाही है, इस पर एहतियात बरतने से ही काबू पाया जा सकता है। भेल ही हमारे पास वैक्सीन है लेकिन इस समय कोविड का कौनसा स्ट्रेन है उसके बारे में जानकारी पूर्णतः हमारे पास नहीं हैं। बेहतर यही है की लोग
एहतियात बरतें।
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