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2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगा भारत : मोदी

Written by  Arvind Kumar -- September 09th 2019 03:42 PM -- Updated: September 09th 2019 03:46 PM
2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगा भारत : मोदी

2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगा भारत : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मरुस्थलीकरण का सामना करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन यानी यूएनसीसीडी के 14वें कान्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी14) के उच्च स्तरीय सेगमेंट को संबोधित किया। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत वर्ष 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनायेगा। उन्होंने कहा,“मैं वैश्विक भूमि एजेंडा के बारे में एक प्रतिबद्धता की घोषणा करना चाहता हूं। पहले भारत ने वर्ष 2030 तक 2.1 करोड़ हेक्टेयर ऐसी जमीन को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य रखा था जो बंजर हो चुकी है। आज हम इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2.6 करोड़ हेक्टेयर करने की घोषणा करते हैं।” [caption id="attachment_338083" align="aligncenter" width="700"]modi 2 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगा भारत : मोदी[/caption] प्रधानमंत्री ने इस मौके पर दुनिया भर के देशों से एक ही बार इस्तेमाल में आने वाले प्लास्टिक को अलविदा कहने और ‘वैश्विक जल एजेंडा’ तैयार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कूड़ा जमीन को बंजर बना देता है। इसलिए हमने एक ही बार इस्तेमाल हो सकने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने का फैसला किया है।

यह भी पढ़ें : बेहतरीन Track Record के आधार पर पूरा हरियाणा भाजपा के साथ खड़ा: पीएम मोदी आपको बता दें कि सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब भारत को दो साल के लिए चीन से सीओपी की अध्यक्षता मिली है। यह पर्यावरण, खासतौर पर भू-प्रबंधन से जुड़े मुद्दों को लेकर वैश्विक चर्चा में इजाफा करेगा। यहां यह ध्यान देने योग्य है कि भारत को जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता और भू-प्रबंधन पर सभी तीन रियो कनवेंशन के सीओपी की मेजबानी करने का सम्मान हासिल है। [caption id="attachment_338086" align="alignleft" width="441"]conference noida 2030 तक 2.6 करोड़ हेक्टयर बंजर जमीन को उपजाऊ बनाएगा भारत : पीएमो[/caption] इस सम्मेलन में करीब 7,200 प्रतिभागी शामिल हुए, जिनमें सरकार के मंत्री और प्रतिनिधि, गैर सरकारी एवं अंतर-सरकारी संगठन, वैज्ञानिक, महिलाएंऔर 197 पक्षों के युवा शामिल हैं। ये सभी मिलकर 30 फैसले लेंगे, जिनका उद्देश्य दुनिया भर में जमीन के उपयोग की नीतियों को मजबूती देना, पलायन, मिट्टी एवं धूल के तूफान और सूखे जैसे उभरते खतरों का हल खोजना है। यह भी पढ़ें : रोहतक में मोदी : पांच वर्षों में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने हर परिवार को बनाया ‘मनोहर’ ---PTC NEWS---

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