New Update
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हिमाचल के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने लुहरी जल विद्युत परियोजना के प्रथम चरण के लिए 1810.56 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और शिमला जिलों में सतलुज नदी पर स्थित 210 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना के निवेश प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना से प्रतिवर्ष 758.20 मिलियन विद्युत यूनिट का उत्पादन होगा।
मोदी सरकार का हिमाचल की जनता को बड़ा तोहफा, 1810 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
इस परियोजना में भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार की सक्रिय भागीदारी है। इस परियोजना को ‘बनाओ-स्वामित्व-संचालन-रखरखाव (बिल्ड–ऑन–ऑपरेट–मेंटेन-बीओओएम) आधार पर सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना से संबंधित समझौता ज्ञापन पर पिछले वर्ष नवंबर में आयोजित ‘राइजिंग हिमाचल, ग्लोबल इन्वेस्टर मीट’ के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ हस्ताक्षर किए गए थे और इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 7 नवंबर, 2019 को किया था। भारत सरकार इस परियोजना में आधारभूत विकास के ढांचे के लिए 66.19 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध कराकर सहायता प्रदान कर रही है और इससे बिजली की दरों में कमी लाने में मदद मिली है।
मोदी सरकार का हिमाचल की जनता को बड़ा तोहफा, 1810 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
लुहरी जल विद्युत परियोजना का प्रथम चरण 62 महीनों की अवधि में शुरू हो जाएगा और इस परियोजना से उत्पन्न होने वाली बिजली से ग्रिड स्थायित्व में मदद मिलेगी और बिजली की आपूर्ति में सुधार होगा। ग्रिड को महत्वपूर्ण नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत उपलब्ध कराने के अलावा वातावरण में प्रतिवर्ष उत्सर्जित होने वाली 6.1 लाख टन कार्बनडाइआक्साइड की मात्रा में भी इस परियोजना से कमी आएगी और इससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।
यह भी पढ़ें- हरियाणा में जहरीली शराब पीने से एक की मौत दूसरा गंभीर
मोदी सरकार का हिमाचल की जनता को बड़ा तोहफा, 1810 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
इस परियोजना की निर्माणात्मक गतिविधियों से इसके आसपास लगभग 2000 लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। जिससे राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में मदद मिलेगी। इस परियोजना की समय अवधि 40 वर्ष है और इससे हिमाचल प्रदेश को 1140 करोड़ रुपये मूल्य की निःशुल्क बिजली मिलेगी। इस परियोजना से प्रभावित होने वाले परिवारों को अगले 10 वर्ष तक प्रतिमाह 100 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध करवाई जाएगी।
सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड ने नवीकरणीय ऊर्जा विद्युत वितरण और तापीय विद्युत उत्पादन क्षेत्र में काफी जोरदार पहल की। निगम ने वर्ष 2023 तक सभी स्रोतों से अपने कुल स्थापित क्षमता का 5000 मेगावाट उत्पादन का आंतरिक वृद्धि लक्ष्य रखा है। इसमें वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट विद्युत उत्पादन की परिकल्पना की गई है।
यह भी पढ़ें- हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र का दूसरा चरण आज से, हंगामा होने के आसार
-