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रामस्वरुप शर्मा के निधन पर हिमाचल विधानसभा में शोकोदगार, सदन की कार्यवाही स्थगित

Written by  Arvind Kumar -- March 17th 2021 12:18 PM
रामस्वरुप शर्मा के निधन पर हिमाचल विधानसभा में शोकोदगार, सदन की कार्यवाही स्थगित

रामस्वरुप शर्मा के निधन पर हिमाचल विधानसभा में शोकोदगार, सदन की कार्यवाही स्थगित

शिमला। मंडी के सांसद रामस्वरूप के निधन पर सदन में प्रस्ताव लाया गया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि 63 वर्षीय रामस्वरूप के निधन की खबर दुःखद है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले सप्ताह रामस्वरूप मंडी में ही थे। रामस्वरूप मिलनसार, सरल व सौम्य प्रतिभा के धनी थे। 2014 में जब कोई मंडी से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं था तो रामस्वरूप को टिकट मिला व उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी को 4 लाख 5 हज़ार वोटों से हराया था। उनके इस तरह से चले जाने की पीड़ा है। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। CM Jairamविपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी रामस्वरूप के निधन पर दुःख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एक बहुमूल्य व्यक्तित्व खो दिया है। जिस पर विश्वास नहीं हो रहा है। उनका सरल व्यक्तित्व किसी से छिपा नहीं है। उनका संगठन से सांसद तक का सफ़र सादगी भरा रहा। कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया के बाद दूसरे बड़े सदस्य का निधन होना दुःखद है। जलशक्ति मंन्त्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने शोकोदगार में भाग लेते हुए कहा कि रामस्वरूप सरल व्यक्तित्व थे जो निरन्तर जनता की भलाई के लिए काम करते थे। मंडी शिवरात्रि मेले में रामस्वरूप आए थे। उस दौरान काफ़ी कमज़ोर नज़र आ रहे थे। जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि वह ठीक है। अपने समय में वह कब्बडी के खिलाड़ी रहे। 63 साल में इस तरह से चले जाना दुःखद है। भाजपा व संघठन के लिए बहुत बड़ी क्षति है। संसदीय मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि एनपीसी से क्लर्क के रूप में कार्य किया व सांसद तक का सफर पूरा किया। संघ से शुरू से जुड़े रहे व मंडी में भाजपा को खड़ा करने के लिए रामस्वरूप ने अहम योगदान दिया। संगठन महामंत्री के रूप में कार्य करते हुए प्रदेश के हर कार्यकर्ता तक पहुँचे। भाजपा प्रदेश प्रशिक्षण के प्रभारी थे। वन मंत्री राकेश पठानियाँ ने कहा चार दिन पहले फ़तेहपुर में थे। जो रौनक उनके चेहरे में हुआ करती थी वह नहीं दिखी। रामस्वरूप के साथ उनके व्यक्तिगत संबंध थे। भाजपा ही नहीं बल्कि उनके लिए भी व्यक्तिगत नुकसान है। यह भी पढ़ें- किसी ने राजनैतिक पार्टी के नेता के बहिष्कार की घोषणा की तो सदन करेगा निंदा यह भी पढ़ें- सीएम खट्टर के घेराव का मामला: बिक्रम मजीठिया समेत पंजाब के 9 विधायकों पर FIR जोगिन्दरनगर के विधायक प्रकाश राणा ने शोको दगार में भाग लेते हुए बताया कि आज पूरा जोगिन्दरनगर क्षेत्र शोक में डूबा है। क्षेत्र के लिए बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। उनके 3 बेटे हैं। 2 नोकरी करते हैं जबकि एक व्यवसाय करता है। मंडी शिवरात्रि में जब आए तो कह कर गए कि मंडी नगर निगम चुनावों में आएंगे। भगवान दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे। सुंदरनगर के भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि रामस्वरूप हमेशा कार्यकर्ताओं का उत्साहवर्धन करते थे। सबको हमेशा चलते रहने के प्रति प्रेरित करते थे। उन्होंने बताया कि एक बार दिल्ली गए तो रामस्वरूप से बात की उन्होंने अपने घर पर बुलाया। रात डेढ़ बजे दिल्ली पहुंचे तो सांसद दरबाजे पर आकर उनको अंदर ले गए व स्वयं हाथों से बनाकर चाय पिलाई। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि संगठन से लेकर सांसद बनने तक का उनका काम सराहनीय रहा। जिम्मेदारी से सबको साथ लेकर काम करना उनका स्वभाव था। संगठन से सांसद तक के पद में रहते हुए भी उनके सरल स्वभाव में बदलाब नही आया। उनके जाने का दुःख है उनके कामों को आगे बढ़ना हम सबका दायित्व होना चाहिए। इसी के साथ उनकी आत्म शांति के लिए मौन धारण किया व सदन की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि रामस्वरूप का जन्म 10जून 1958 जोगिन्दरनगर के जलपेहड़ में हुआ था। वह दसवीं तक पड़े थे। प्रदेश भाजपा के महामंत्री व उपाध्यक्ष रहे। 2014 में पहली बार लोकसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा व सांसद बने। 2019 में 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे।


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