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विपक्ष के आरोपों पर रणजीत सिंह की प्रतिक्रिया, कहा- ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर भ्रम न फैलाएं

Written by  Arvind Kumar -- June 09th 2021 10:12 AM -- Updated: June 09th 2021 10:13 AM
विपक्ष के आरोपों पर रणजीत सिंह की प्रतिक्रिया, कहा- ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर भ्रम न फैलाएं

विपक्ष के आरोपों पर रणजीत सिंह की प्रतिक्रिया, कहा- ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर भ्रम न फैलाएं

चंडीगढ़। विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर विपक्ष भ्रम न फैलाएं। चंडीगढ़ में 7 जून को प्रेस वार्ता में हरियाणा के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा था कि किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए हमारी सरकार एक मानक तय करने का विचार कर रही है, जिसके तहत भूमि में पानी एक निश्चित स्तर तक होने पर ही कनेक्शन दिया जाएगा। रणजीत सिंह ने कहा कि किसानों को 6 महीने के भीतर 22 हजार कनेक्शन दे दिए जाएंगे। नए ट्यूबवेल कनेक्शन के लिए कमांड व नॉन कमांड का कोई विषय नहीं होगा और पैडी -नॉन पैडी का भी कोई विषय नहीं रहा है। बल्कि कृषि मंत्रालय, इरिगेशन और बिजली विभाग मिलकर विचार विमर्श कर रहे हैं कि पानी के स्तर का मानक तय किया जाएगा। विपक्ष किसी तरह का भ्रम न फैलाने का काम कर रहा है। [caption id="attachment_504753" align="aligncenter" width="700"]Ranjit Singh Chautala विपक्ष के आरोपों पर रणजीत सिंह की प्रतिक्रिया, कहा- ट्यूबवेल कनेक्शन को लेकर भ्रम न फैलाएं[/caption] यह भी पढ़ें– खेत व खलिहान को नष्ट करने में जुटी है भाजपा-जजपा सरकार: सुरजेवाला यह भी पढ़ें– सपा नेता अखिलेश यादव के बदले सुर, लगवाएंगे वैक्सीन randeep singh surjewala covid positive उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि खट्टर सरकार ने किसान की रोजी रोटी पर ताजा वार करते हुए उत्तरी और दक्षिणी हरियाणा में नए ट्यूबवेल देने पर चोर दरवाजे से प्रतिबंध लगा दिया है। 1 मई, 2021 को हरियाणा की बिजली कंपनियों द्वारा ट्यूबवेल कनेक्शन देने की नई नीति जारी की गई। धरतीपुत्र की रोटी छीनने वाली इस तुगलकी नीति के मुताबिक अगर किसान की भूमि नहरी कमांड एरिया में आती है, तो उसे कोई ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तरी हरियाणा – दक्षिणी हरियाणा के किसान भाई होंगे। उन्होंने सरकार से पूछा था कि क्या खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी यह नहीं जानती कि नहर का पानी तो अधिकतर हरियाणा में 30 दिन में से 7 दिन ही उपलब्ध है। दक्षिणी हरियाणा में तो पानी की बारी 45 दिन के बाद आती है और कभी कभी 60 दिन के बाद। ऐसे में किसान अपनी जमीन कैसे जोत पाएगा। बहरहाल अब सरकार ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।


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