हरियाणा: गौ-रक्षा के लिए प्रदेश के प्रत्येक जिले में बनेगी 11 सदस्यीय "एससीपीएफ"की टीम
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले के लिए राज्य स्तरीय "स्पेशल कॉउ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स कमेटी" और "स्पेशल काऊ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स" के गठन को अधिसूचित किया है। इस टास्क फोर्स के गठन बाद मुख्य उद्देश्य "हरियाणा गोवंश संरक्षण और गौ संवर्धन अधिनियम 2015 "को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा ताकि लोगों से पशु तस्करी और पशु संहार के संबंध में जानकारी एकत्र कर इस तरह की अवैध गतिविधियों पर त्वरित उचित कार्रवाई की जा सके। जल्द ही प्रदेश में इस "स्पेशल काऊ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स "का गठन शुरू कर दिया जाएगा। इसके तहत जिला स्तर पर 11 सदस्यीय स्पेशल काऊ प्रोटेक्शन टास्क फोर्स बनाई जाएगी।इस टास्क फोर्स में सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे, जिनमें से जिला के विभिन्न विभागों से 6 सदस्य और 3 सदस्य गौ-सेवा आयोग से शामिल किए जायेंगें । इनके अलावा जिला उपायुक्त दो अन्य सदस्यों को गौ-रक्षक समितियों के सदस्यों या गौ-सेवको में से भी चुनकर नामित करेंगे। यह भी पढ़ें- पुलवामा में जैश का टॉप मोस्ट वांटेड आतंकवादी ढेर यह भी पढ़ें- अनिल विज के जनता दरबार में उमड़ी भीड़, प्रदेशभर से फरियाद लेकर पहुंचे लोग इस टास्क फोर्स के गठन से पहले प्रदेश में मनोहर सरकार ने गौवंश की तस्करी रोकने के लिए गौ-संवर्धन एक्ट बना रखा है। इसके तहत गौ-तस्करी के मामले में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। टास्क फोर्स का मुख्य काम बेसहारा और आवारा गायों को देखरेख के लिए उन्हें गौशाला/ नंदी शाला या गो अभ्यारण तक पहुंचाना और गौवंश की तस्करी को रोकना होगा। गौ तस्करों को पकडऩे और गौवंश की तस्करी रोकने के लिए ये टास्क फोर्स अलग-अलग योजनाएं बनाकर काम करेगी।