ब्रिटेन से भारत पहुंची मदद की खेप, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती
नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को कई देशों का समर्थन मिल रहा है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आपदा की इस घड़ी में भारत का साथ देने का ऐलान किया है। इस बीच ब्रिटेन ने कोरोना भारत को मेडिकल इक्विपमेंट्स भेजे हैं। इनमें 100 वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन Concentrators सहित कई मेडिकल उपकरण शामिल है। [caption id="attachment_492731" align="aligncenter" width="665"] ब्रिटेन से भारत पहुंची मदद की खेप, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती[/caption] ब्रिटेन से मदद की यह खेप भारत पहुंच गई है। विदेश मंत्रायल ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह ब्रिटेन से मेडिकल उपकरणों की खेप भारत पहुंची है। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द ही इन मेडिकरणों को इस्तेमाल शुरू हो जाएगा जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी। बता दें कि ब्रिटेन की सरकार ने रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की पहली खेप भारत के लिए रवाना की थी। इस मौके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आपदा की इस घड़ी में आगे भी भारत का साथ देने का ऐलान किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि 'कोरोना के खिलाफ जंग में ब्रिटेन भारत के साथ खड़ा है। मेडिकल सप्लाई भारत को भेजी जा रही है। इस मुश्किल वक्त में हम भारत के साथ मिलकर काम करते रहेंगे।' वहीं कोरोना के खिलाफ लड़ाई में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भी भारत की मदद का ऐलान किया है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने ट्वीट कर कहा है कि गूगल और गूगल के उपभोक्ताओं की ओर से 135 करोड़ की धनराशि गिव इंडिया और यूनीसेफ के जरिए मेडिकल सप्लाई और अन्य उपकरणों के लिए दान दी गई है। [caption id="attachment_492729" align="aligncenter" width="879"] ब्रिटेन से भारत पहुंची मदद की खेप, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती[/caption] यह भी पढ़ें- संक्रमित कर्मियों के लिए कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करेगी हरियाणा पुलिस यह भी पढ़ें- अभय चौटाला ने दवाइयों की कालाबाजारी पर सरकार को घेरा [caption id="attachment_492730" align="aligncenter" width="807"] ब्रिटेन से भारत पहुंची मदद की खेप, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मिलेगी मजबूती[/caption] वहीं माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने कहा है कि उनकी कंपनी भारत में राहत कार्य के लिए संसाधनों और तकनीक का प्रयोग करती रहेगी। साथ ही ऑक्सीजन डिवाइस की खरीद के लिए भी सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि वह भारत में वर्तमान स्थिति को देखते हुए टूटा हुआ महसूस कर रहे हैं।