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हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा

Written by  Arvind Kumar -- December 24th 2019 10:30 AM -- Updated: December 24th 2019 10:57 AM
हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा

हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा

कैथल। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पंजाबी की जगह तेलुगू को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से राज्य के सिख समाज में रोष है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर ऐतराज जताने और पंजाबी को ही द्वितीय भाषा रखने की मांग को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिलेगा। कैथल में भी इस मामले को लेकर शिरोमणि अकाली दल बादल के राष्ट्रीय महासचिव सुखबीर मांडी ने कहा कि हरियाणा में इस समय पंजाबी भाषा को दूसरा दर्जा प्राप्त है। अगर इसको ख़त्म कर तेलुगू भाषा को इसका दर्जा दिया गया तो सबसे ज्यादा हरियाणा के जो बच्चे पढ़ते हैं, स्कूलों में उनको सबसे ज्यादा नुकसान होगा। [caption id="attachment_372518" align="aligncenter" width="700"]Sikh society angry over giving second language status to Telugu language in Haryana हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा[/caption] सुखबीर मांडी ने आगे कहा कि हरियाणा के साथ लगता पंजाब प्रदेश है और जो बच्चे हरियाणा से पंजाबी पढ़कर पंजाब में नौकरी अप्लाई करते हैं वो इससे वंचित रहेंगे। हरियाणा में जो पंजाबी पढ़कर मैट्रिक करता है। उसको पंजाब में आसानी से नौकरी मिल जाती है। पिछली सरकार में भी हरियाणा के काफी बच्चे पंजाब में सरकारी नौकरियों में सिलेक्ट हुए थे। हरियाणा सरकार जो यह फैसला करने जा रही है वह सिख समाज के खिलाफ तो है ही सबसे ज्यादा उन बेरोजगारों पर प्रभाव पड़ेगा जो कल को पंजाब में जाकर नौकरी के लिए अप्लाई करेंगे। उन बच्चों के साथ यह सरकार का सबसे बड़ा खिलवाड़ होगा। हम हरियाणा की सरकार से विनती करते हैं कि इस फैसले को वापस ले। अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो सिख समाज इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगा और इसका पुरजोर विरोध करेगा। [caption id="attachment_372516" align="aligncenter" width="700"]Sikh society angry over giving second language status to Telugu language in Haryana हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा[/caption] वहीं स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने भी इसका विरोध किया है। बच्चों का कहना है कि हम इस समय पंजाबी पढ़ रहे हैं और अगर हरियाणा से पंजाबी का दर्जा तेलुगू भाषा को दे दिया गया तो हमारा भविष्य धूमिल हो जाएगा। इससे लाखों विद्यार्थियों के लिए रोजगार की समस्या पैदा हो जाएगी। हमारी सरकार से प्रार्थना है कि पंजाबी को ही दूसरी भाषा रहने दे, तेलुगू को नहीं। [caption id="attachment_372517" align="aligncenter" width="700"]Sikh society angry over giving second language status to Telugu language in Haryana हरियाणा में तेलुगू भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा देने की चर्चा से सिख समाज खफा[/caption] गौरतलब है कि हरियाणा में लगभग 39% पंजाबी बसते हैं जिनकी एक मात्र भाषा पंजाबी है। सिख समाज की मांग है कि पंजाबी को दूसरे दर्जे की भाषा का स्टेटस बरकरार रखा जाना चाहिए और स्कूलों में पंजाबी भाषा पढ़ाने वाले अध्यापक लगाए जाने चाहिए। अगर सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया तो हरियाणा भर में इसका विरोध शुरू हो जाएगा। यह भी पढ़ेंहरियाणा बीजेपी की संगठनात्मक बैठक संपन्न, बराला ने बताया इन मुद्दों पर हुई चर्चा

हालांकि हरियाणा के स्कूलों में तेलुगू भाषा को दूसरे स्थान देने की अफवाहों का शिक्षा मंत्री ने खंडन किया। कंवर पाल गुजर ने कहा कि इसका जवाब पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल ही दे सकते हैं। उन्होंने उस समय तेलुगू की थी। अब स्कूलों में दूसरी भाषा पंजाबी है। ---PTC News---


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