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जींद। (अमरजीत खटकड़) कौशिक नगर निवासी विकास के 10 माह के बेटे पर्व को दस्त की दवाई की जगह पर दवाई काउंटर पर नींद की गोली थमाने के मामले में दो फार्मासिस्टों पर गाज गिरी है। मामले की जांच के लिए गठित की गई कमेटी में फार्मासिस्ट योगेंद्र व राजेश की लापरवाही सामने आई है। रिपोर्ट मिलते ही सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने कार्रवाई करते हुए फार्मासिस्ट योगेंद्र को अलेवा पीएचसी व राजेश को दनौदा पीएचसी पर दो माह की डेपुटेशन पर भेज दिया। डीजी हेल्थ को रिपोर्ट भेजकर दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
दस्त की दवाई की जगह थमा दी नींद की गोली, 36 घंटे तक सोता रहा बच्चा
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जेके मान व एमएस डॉ. गोपाल गोयल व डिप्टी एमएस डॉ. राकेश शर्मा की गठित कमेटी की जांच में सामने आया कि बच्चे के इलाज में डॉक्टर द्वारा सही दवाई लिखी गई थी, लेकिन दवाई काउंटर पर ट्रेनी फार्मासिस्टों द्वारा एंटीबायोटिक दवा ओफलोक्सासिन की जगह नींद नहीं आने पर प्रयोग होने वाली दवा ओलान्जापाइन दे दी।
दस्त की दवाई की जगह थमा दी नींद की गोली, 36 घंटे तक सोता रहा बच्चा
यह दवाई बच्चे पर्व को देने पर गहनी नींद में सो गया। जब परिजन उसे निजी अस्पताल में लेकर गए थे नींद की गोली देने का मामला सामने आया। निजी अस्पताल में इलाज चलने के बाद बच्चे को करीब 36 घंटे के बाद नींद खुली।
दस्त की दवाई की जगह थमा दी नींद की गोली, 36 घंटे तक सोता रहा बच्चा
गलत दवाई देने पर बच्चे के स्वजनों ने सोमवार को इस मामले में लिखित शिकायत दी थी। इतनी बड़ी खामी सामने आने के पर सिविल सर्जन ने इस मामले की जल्द से जल्द जांच करने के आदेश दिए थे। जहां पर कमेटी ने एक ही दिन में जांच करके शुक्रवार देर शाम को सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप दी। इस पर मंगलवार को सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने कार्रवाई की है।
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