मानसून सत्र से पहले सपा का हल्ला बोल, सपा ने सरकार को घेरने के लिए विधानसभा तक निकाला पैदल मार्च
यूपी का विधानसभा मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र के पहले ही विपक्षी पार्टी सपा ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। सपा ने महंगाई, कानून व्यवस्थ समेत कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अखिलेश यादव के नेतृत्व में सभी विधायकों और एमएलसी ने पार्टी दफ्तर से विधानसभा भवन तक पैदल मार्च के लिए निकाला। सपा नेताओं के हाथ में तख्तियां हैं। इस पर बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों के स्लोगन लिखे हुए थे। सपा के मार्च को पुलिस ने रास्ते में रोक दिया। इसके बाद अखिलेश यादव अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए। पुलिस के मुताबिक, सपा नेताओं ने मार्च से पहले तय रूट को फॉलो नहीं किया है। सपा ने पुलिस पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगाया। काफी देर की बहस के बाद अखिलेश अपने कार्यालय के लिए वापस लौट गए। अखिलेश यादव ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यूपी में जनता ने योगी सरकार को एक बार फिर मौका दिया है, लेकिन सरकार जनता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सड़कों पर हर तरफ गड्ढे हैं। बाढ़, जलभराव से किसान परेशान है। कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा है। जानवर बीमारी से मर रहे हैं। लंपी वायरस से हजारों गाय की मौत हो गई है। महंगाई आसमान छू गई है। दूध दहीं पर जीएसटी लागू कर दिया गया है। वहीं, सपा के पैदल मार्च के शुरू होते ही जुबानी जंग भी छिड़ गई है। यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी जिसे मार्च का नाम देकर विरोध प्रदर्शन कर रही है वो जनता के हितों से जुड़ा हुआ है ही नहीं. अगर उन्हें जनता से जुड़े किसी मुद्दे पर चर्चा करनी है तो सदन में करनी चाहिए, जो कार्यवाही का हिस्सा बने. सरकार चर्चा के लिए तैयार है।