हमारे पूर्वजों ने धर्म बदलना नहीं...गर्दन कटाना सही समझा: सीएम मनोहर लाल
कुरुक्षेत्र: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र की थानेसर अनाज मंडी में राज्यस्तरीय विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शिरकत की। सबसे पहले उन्होंने लोक सम्पर्क विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन किया कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल ने अपने संबोधन में कहा कि 1947 में भूमि नहीं भावनाओं का बंटवारा हुआ था। जिन लोगों ने बंटवारे का भयानक दर्द सहा और दर्दनाक चीखें सुनी हैं वो इसका दर्द को आज भी महसूस कर सकते हैं। देश की आजादी की लड़ाई में लाखों लोग शहीद हुए। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों को उस वक्त की कहानियां सुनाएं। उस वक्त में करीब एक करोड़ 20 लाख लोगों का विस्थापन हुआ। हमारे पूर्वजों ने कहा कि जान से ज्यादा संस्कृति और देश से प्यार किया। हमारे पूर्वजों ने गर्दन कटाना सही समझा, लेकिन धर्म बदलना नहीं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जब वहां से आए तो रोटी के लाले थे, सर पर छत नहीं थी, पहनने को कपड़े नहीं थे। इसके लेकिन फिर भी किसी के आगे हाथ नहीं फैलाया। मेहनत कर हमारे समाज के लोग अपने पांव पर खड़े हुए, कभी आरक्षण नहीं मांगा। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि हमारे लोग अपने पुरुषार्थ से पुरुषार्थी बने शरणार्थी नहीं। आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस समाज के बारे में सोचा। पिछले साल लाल किले से उन्होंने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय के विस्थापन को 100 साल की सबसे बड़ी त्रासदी माना था।