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अब नहीं जलानी पड़ेगी धान की पराली, सुपर सीडर से पराली की समस्या से मुक्ति

Written by  Arvind Kumar -- November 11th 2019 10:10 AM
अब नहीं जलानी पड़ेगी धान की पराली, सुपर सीडर से पराली की समस्या से मुक्ति

अब नहीं जलानी पड़ेगी धान की पराली, सुपर सीडर से पराली की समस्या से मुक्ति

टोहाना। (सतीश अरोड़ा) गेहूं की बिजाई की जल्दी में धान की पराली जलाने वाले किसान जो भारी भरकम जुर्माने व मुकदमों का शिकार हो रहे हैं, उनके लिए सुपर सीडर एक राहत की सांस देने वाला है। अनेक खूबियों वाली इस सुपर सीडर मशीन के जरिए जहां किसान धान की पराली को खाद के रूप में प्रयोग कर पाएंगे, वहीं साथ ही साथ गेहूं की बिजाई भी कर सकेंगे। यानि आम के आम और गुठलियों के भी दाम। हालांकि सुपर सीडर अभी महंगा है और किसानों की मांग है कि सरकार इस मशीन के लिए किसानों को सब्सिडी दे, ताकि किसान इसे खरीद सकें। [caption id="attachment_358530" align="aligncenter" width="700"]Super Sedder 3 अब नहीं जलानी पड़ेगी धान की पराली, सुपर सीडर से पराली की समस्या से मुक्ति[/caption] वैसे तो इस बार टोहाना में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन फिर भी अनेक किसानों ने अपने खेत में धान की पराली जलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालात यह हो गए थे कि फतेहाबाद जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स पूरे प्रदेश में सबसे अधिक 862 तक पहुंच गया था। प्रशासन ने भी पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई शुरू कर दी और अब तक जिले में 200 से अधिक किसानों पर पराली जलाने को लेकर केस दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में अगर किसान चाहें तो सुपर सीडर का प्रयोग करके पराली जलाकर अपनी जमीन की उर्वरा शक्ति को तो बचा ही सकते हैं। [caption id="attachment_358529" align="aligncenter" width="700"]Super Sedder 2 अब नहीं जलानी पड़ेगी धान की पराली, सुपर सीडर से पराली की समस्या से मुक्ति[/caption] सुपर सीडर एक ऐसी मशीन है, जो किसानों के मल्टीपर्पज के तौर पर काम आ सकती है। इस मशीन के निर्माता दीप सिंह पुन्नी ने बताया कि सुपर सीडर मशीन से एक ही समय में धान के अवशेष को जमीन में काफी नीचे गाड़ा जा सकता है और इसके साथ ही गेहूं की बिजाई भी की जा सकती है। सुपर सीडर से जमीन में गाड़ी गई पराली बाद में किसानों के लिए खाद का काम करेगी। इसके अलावा इस मशीन का एक और फायदा है। यह मशीन गेहूं की बिजाई के बाद रोटावेटर का काम भी करेगी। इस मशीन की कीमत बाजार में 2 से सवा 2 लाख रुपये तक है। यह मशीन एक एकड़ जमीन की जुताई 1 से 2 घंटे में कर सकती है। हालांकि यह मशीन किसानों के लिए कारगर तो है, लेकिन इसकी महंगी कीमत होने के कारण छोटी जोत के किसानों तक इसकी पहुंच नहीं हो पाएगी। ऐसे में किसानों ने सरकार से इस मशीन के लिए सब्सिडी देने की मांग की है। यह भी पढ़ें : किसानों की खुदकुशी की घटनाओं को लेकर प्रियंका ने घेरी सरकार ---PTC NEWS---


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