Advertisment

खेती विरोधी तीनों 'काले कानूनों' के खिलाफ संसद के अंदर व बाहर निर्णायक जंग लड़ेंगे: सुरजेवाला

author-image
Arvind Kumar
New Update
खेती विरोधी तीनों 'काले कानूनों' के खिलाफ संसद के अंदर व बाहर निर्णायक जंग लड़ेंगे: सुरजेवाला
Advertisment
चंडीगढ़। कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी व मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी व खट्टर सरकारों ने एक षडयंत्र के तहत खेती व फसल खरीद की पूरी मंडी व्यवस्था पर हमला बोल रखा है। भारतीय जनता पार्टी खेती के पूरे तंत्र को मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ बेच देना चाहती है। इसीलिए एक साजिश के तहत कोरोना महामारी के बीचों-बीच तीन काले कानून अध्यादेश माध्यम से लाए गए ताकि किसान-आढ़ती-मजदूर का गठजोड़ खत्म हो तथा पूरा कृषि तंत्र ही गुलामी की बेड़ियों में जकड़ दिया जाए।
Advertisment
publive-image सुरजेवाला ने कहा कि किसान व खेत मजदूर देश की रीढ़ की हड्डी हैं। वह खेत में काम करके देश का पेट पालता है, वहीं उसका बेटा सेना में भर्ती हो बॉर्डर पर देश की रक्षा करता है। देश की अर्थव्यवस्था का भी सबसे बड़ा आधार कृषि तंत्र है, जहां पूर्व निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य के आधार पर अनाज व सब्जी मंडियों में किसान की फसल, फल इत्यादि की बिक्री होती है। लाखों करोड़ों मजदूर-आढ़ती-कर्मचारी-ट्रांसपोर्टर इत्यादि इस व्यवसाय से जुड़े हैं तथा अपनी आजीविका कमाते हैं। मोदी-खट्टर सरकारें एक झटके से इस पूरी कृषि व्यवस्था को तहस-नहस कर खत्म करना चाहती हैं, ताकि मुट्ठीभर पूंजीपति मित्रों का कब्जा करवा सकें। Surjewala says on three ordinances for agriculture sector कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले दिनों हरियाणा में खट्टर सरकार की गुंडागर्दी और पुलिस के जुल्म का नंगा नाच कुरुक्षेत्र की रणभूमि में पूरे देश ने देखा। तीनों अध्यादेशों का विरोध कर रहे किसान-आढ़ती-मजदूर शांतिप्रिय तरीके से किसान बचाओ-मंडी बचाओ रैली का पीपली मंडी में आयोजन करना चाहते थे। परंतु चौबीस घंटों में हजारों पुलिसकर्मी लगा किसानों और आढ़तियों के नेताओं की जबरन धरपकड़ शुरू कर दी गई, घरों पर नोटिस लगाए गए व जगह जगह पुलिस नाके लगाकर किसानों-मजदूरों-आढ़तियों को पीपली आने से रोका गया। इसके बावजूद भी जब हजारों की संख्या में लोगों ने कूच किया तो फिर पगड़ियां उछाली गईं तथा किसानों व आढ़तियों पर निर्दयता से लाठियां चलाई गईं। publive-image रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी का नाम इतिहास में उन दुर्दांत शासकों के तौर पर लिखा जाएगा, जिनका शासन किसान-आढ़ती-मजदूर पर ‘दमन और जुल्म’ की निशानी बन गया है। बुजुर्ग से बुजुर्ग लोगों को बेरहमी से पीटा गया। सरदार गुरनाम सिंह चडूनी सहित पूरे प्रदेश के किसानों और व्यापारियों के नेताओं पर दमन चक्र चलाया गया। सीधे सर में लाठियों से वार किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग घायल हो गए व अनेकों को गंभीर चोटें आईं। यहां तक कि जींस और टीशर्ट में पुलिस का हैल्मेट पहने कई लोग किसानों को पीटते देखे गए। ये पुलिसकर्मी थे या भाजपा-जजपा के प्राइवेट गुंडे। सवाल यह भी है कि अगर मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर भाजपा अध्यक्ष के पद ग्रहण की रैली कर सकते हैं, तो फिर किसान और आढ़ती पर यह जुल्मो-सितम क्यों? लाठी-डंडे-गोली से खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी हरियाणा को नहीं चला सकती। बकौल सुरजेवाला सच्चाई यह है कि खट्टर-चौटाला सरकार ने किसान-आढ़ती-मजदूर विरोधी दमनकारी व बर्बर रवैया अपनाकर एक दिन भी सत्ता में बने रहने का अधिकार खो दिया है। कुरुक्षेत्र की रणभूमि में किसानों-मज़दूरों-आढ़तियों पर चलाई गई लाठियाँ भाजपा-जजपा के कफन में आखिरी कील साबित होंगी। मोदी-खट्टर सरकारों को हम झुका कर दम लेंगे तथा तीनों काले कानून हर हालत में वापस लेने पड़ेंगे। ---PTC NEWS----
congress-leader-randeep-surjewala agriculture-sector-three-ordinances
Advertisment

Stay updated with the latest news headlines.

Follow us:
Advertisment