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फरीदाबाद। (सुधीर शर्मा) फरीदाबाद के निजी मेट्रो अस्पताल में कोरोना के चलते बुजुर्ग महिला एडमिट हुई। कोरोना ठीक हो गया तो 13 मई को ब्लैक फंगस डायग्नोज़ हुआ जिसके बाद अस्पताल प्रशाशन ने सरकार से गुहार लगाई की ब्लैक फंगस के इलाज के लिए कारगर इंजेक्शन उपलब्ध कराये जाएं। लेकिन जितने मिलने चाहिए नहीं मिले जिसके चलते बुजुर्ग महिला की ऑपरेशन करके आंख निकालनी पड़ी। अब और इंजेक्शन की जरूरत है लेकिन हर जगह गुहार लगाने पर भी हाथ खाली है, लिहाजा अब मरीज की जान पर बन आई है।
जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद के निजी हॉस्पिटल में एडमिट ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला को सरकार से 10 दिन में सिर्फ 6 इंजेक्शन ही मिले हैं अब तक जरूरत अनुसार इंजेक्शन न मिलने पर दिमाग में ब्लैक फंगस का खतरा बन गया है जिससे जान भी जोखिम मे आ गई है।
डॉक्टरों के अनुसार ब्लैक फंगस पीड़ित महिला को डेली 5 इंजेक्शन की जरूरत है लेकिन अब तक सिर्फ 6 ही मिले हैं। महिला के शरीर में ब्लैक फंगस आंखों में होने की वजह से ऑपरेशन करके डॉक्टरों को आंख बाहर निकालनी पड़ गई है।
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अब महिला के बेटे ने इंजेक्शन के लिए सरकार से गुहार लगाई है। इंजेक्शन के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, फरीदाबाद के जिला उपायुक्त यशपाल यादव को भी ट्वीट किया है।
पीड़ित महिला के बेटे का कहना है जिस हॉस्पिटल में उनकी माता एडमिट है, उस हॉस्पिटल के द्वारा विभाग को लिखने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे और अब एक आंख निकालने के बाद ब्लैक पंकज का दीमाग में पहुंचे का खतरा लगातार बना हुआ है!
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